बिटकॉइन का प्राइस घटकर 90,000 डॉलर से कम हो गया। यह सात महीनों का इसका सबसे कम प्राइस है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कटौती की कम संभावना और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) की ओर से बिकवाली इस गिरावट के पीछे बड़े कारण हैं। Ethereum और XRP जैसी कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस भी काफी घटे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे ही FTX की बर्बादी सामने आई, कई निवेशकों और वैलिडेटर्स ने ब्लॉकचेन से अपने Solana एसेट्स को हटाना शुरू कर दिया और उन्हें नष्ट कर दिया, जिससे टोकन में कीमत में इस तरह की जबरदस्त गिरावट आई।
मार्केट एनालिस्ट ने अनुमान लगाया है कि कई बहुत ज्यादा पुराने वॉलेट से बिटकॉइन की मूवमेंट हो रही है। इसने निवेशकों के लिए अफवाहें और आशंकाएं पैदा की हैं।
Coindesk के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को 32,791 डॉलर (लगभग 24.4 लाख रुपये) पर चल रहे बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price in India) खबर लिखने तक 31,382 डॉलर (लगभग 23.4 लाख रुपये) थी।
हाल ही में अमेरिकी अथॉरिटी द्वारा Binance को लेकर प्रकट की गई चिंताओं ने Bitcoin की कीमत को गिराया था और अब, ब्रिटेन द्वारा बाइनेंस को आड़े हाथ लेने की तैयारी ने भी बिटकॉइन की कीमत पर असर डाला है।
IRS चीफ ने सीनेट फाइनेंस समिति को बताया कि दुनिया भर में 8,600 से अधिक एक्सचेंज हैं, जिसके साथ क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार की कुल कैपिटल 2 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 1,45,84,300 करोड़ रुपये) से अधिक है।