वोडाफोन ने कई महीनों के अंदेशे के बाद सोमवार को आदित्य विक्रम बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया सेल्युलर के साथ विलय पर चर्चा की पुष्टि की है।
इस विलय के तहत वोडाफोन की भारतीय इकाई का आइडिया सेल्युलर के साथ विलय हो जाएगा। इस विलय के बाद इन दोनों के विलय से बनी कंपनी दूरसंचार क्षेत्र में इस देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
वोडाफोन की भारतीय इकाई ने जारी बयान में कहा, "वोडाफोन इस बात की पुष्टि करता है कि आइडिया सेल्युलर के साथ उसकी भारतीय इकाई वोडाफोन इंडिया के विलय को लेकर आदित्य बिड़ला समूह से चर्चा जारी है। हालांकि, इसमें इंडस टावर्स और आइडिया में वोडाफोन की 42 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है।"
बयान के मुताबिक, "आइडिया से वोडाफोन तक नए शेयरों के जारी होने से विलय प्रभावी होगा और इससे वोडाफोन से वोडाफोन इंडिया अलग हो जाएगा।"
सीएलएसए की एक रिपोर्ट के अनुसार वोडाफोन-आइडिया को मिलाकर बनने वाली नई कंपनी के पास 2018-19 तक मोबाइल बाज़ार की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी ओर यह पहले नंबर पर होगी। दूसरे नंबर में भारती एयरटेल के पास 33 प्रतिशत और रिलायंस जियो की 13 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। वोडाफोन ने इस संभावित समझौते के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया है।
उसका कहना है कि अभी न तो यह पक्का है कि सौदे पर सहमति बन ही जाएगी और न ही इसकी शर्तों और समय के बारे में कुछ तय है।
अभी देश में एयरटेल 26.34 करोड़ ग्राहकों के साथ देश में सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता है। वहीं, वोडाफोन इंडिया 20.028 करोड़ ग्राहकों के साथ दूसरी और आइडिया सेल्युलर 18.77 करोड़ ग्राहकों के साथ तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।
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