अक्टूबर में अनरजिस्टर्ड टेलिमार्केटर्स के खिलाफ शिकायतें घटीं, लेकिन TRAI का कहना है कि यूजर्स का स्पैम को DND-DLT प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट न करना बड़ी दिक्कत है।
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TRAI ने देश में अनरजिस्टर्ड टेलिमार्केटिंग एंटिटीज के खिलाफ आने वाली कंज्यूमर शिकायतों में गिरावट दर्ज की है, लेकिन स्पैम कॉल्स को लेकर यूजर्स का DLT प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट न करना अब भी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में ऐसी शिकायतें 2.16 लाख पर आ गईं, जबकि सितंबर में ये संख्या 3.12 लाख थी। रजिस्टर्ड टेलिमार्केटर्स के खिलाफ भी अक्टूबर में सिर्फ 39,000 शिकायतें दर्ज हुईं, जो पिछले महीने के 71,000 की तुलना में काफी कम हैं। इसके बावजूद TRAI का मानना है कि रिपोर्टिंग की कमी के चलते कार्रवाई की रफ्तार प्रभावित होती है।
TRAI चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने ETTelecom को बताया कि शिकायतों में कमी जरूर आई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि यूजर्स स्पैम कॉल या मैसेज मिलने पर उसे अपने फोन या ऐप में ही ब्लॉक कर देते हैं और TRAI के DND रजिस्ट्री पर रिपोर्ट नहीं करते। ऐसे में वह नंबर सिस्टम में स्पैमर की तरह दर्ज नहीं हो पाता और किसी तरह की नियामकीय कार्रवाई शुरू ही नहीं हो पाती।
TRAI का कहना है कि DND ऐप पर शिकायत दर्ज होते ही वह संबंधित टेलिकॉम ऑपरेटर तक पहुंचती है और जांच के बाद नंबर को तुरंत डिस्कनेक्ट या ब्लैकलिस्ट किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में TRAI ने 31 रजिस्टर्ड एंटिटीज को ब्लैकलिस्ट किया, जबकि सितंबर में यह संख्या 287 थी।
पिछले एक साल में रेगुलेटर करीब 21 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक कर चुका है। यह कदम उस समय और जरूरी हो जाता है जब देश में करीब 1.10 अरब एक्टिव वायरलेस यूजर्स मौजूद हैं और रोजाना बड़ी मात्रा में स्पैम कॉल्स और मैसेज भेजे जाते हैं।
अक्टूबर में 2.16 लाख शिकायतें दर्ज हुईं, जबकि सितंबर में यह संख्या 3.12 लाख थी।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि यूजर्स स्पैम कॉल या मैसेज को DND-DLT प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट नहीं करते।
शिकायत सीधे टेलिकॉम ऑपरेटर तक जाती है, जहां जांच के बाद नंबर को ब्लैकलिस्ट या डिस्कनेक्ट किया जाता है।
TRAI करीब 21 लाख मोबाइल फोन नंबर ब्लॉक कर चुका है।
हां, TRAI पिछले 7-8 महीनों से लगातार कैंपेन और DND ऐप में सुधार कर रहा है ताकि यूजर्स आसानी से स्पैम रिपोर्ट कर सकें।
TRAI का कहना है कि पिछले 7-8 महीनों में उसने उपभोक्ता जागरूकता पर फोकस बढ़ाया है, जिसमें लगातार कैंपेन चलाए जा रहे हैं। रेगुलेटर ने अपने DND ऐप में भी सुधार किए हैं ताकि स्पैम रिपोर्ट करना आसान हो सके। एजेंसी मानती है कि जब तक यूजर्स सीधे प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट नहीं करेंगे, तब तक स्पैम कॉल्स के खिलाफ आक्रामक और तेज कार्रवाई संभव नहीं है।
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