भारत में 5G नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है। दूरसंचार विभाग के लेटेस्ट डेटा से पता चला है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स ने 5 मार्च 2023 तक भारत में कुल 1 लाख 02 हजार 215 5G बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) डिप्लॉय कर दिए हैं। बेस ट्रांसीवर स्टेशन, इक्विपमेंट के उस पीस को कहा जाता है जो यूजर इक्विपमेंट (UE) और नेटवर्क के बीच वायरलैस कम्युनिकेशन की सुविधा प्रदान करता है। UE का मतलब स्मार्टफोन्स, WLL फोन, वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले कंप्यूटर या टावरों पर लगे एंटीना जैसे इक्विपमेंट हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 15 हजार 394 5G बीटीएस डिप्लॉय करने के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे है। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है, जहां 10 हजार 360 5G बीटीएस डिप्लॉय किए गए हैं। गुजरात में 8 हजार 358 बीटीएस लगाए जा चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में दूरसंचार राज्य मंत्री (MoS) देवसिंह चौहान ने संसद को बताया था कि टेलिकॉम कंपनियां 5G के लिए हर सप्ताह लगभग 2500 बेस स्टेशन डिप्लॉय कर रहे हैं।
गौरतलब है कि देश में पिछले साल अक्टूबर से 5G का रोलआउट शुरू हो गया है।
जियो (Jio) और
एयरटेल (Airtel) इसमें सबसे आगे हैं। दोनों कंपनियां अपने 5G स्टैंडअलोन (SA) और नॉनस्टैंडअलोन (NSA) नेटवर्क को इंस्टॉल कर रही हैं। अबतक 500 से ज्यादा शहरों में 5जी नेटवर्क को लॉन्च किया जा चुका है।
जियो के मुताबिक उसकी ट्रू 5G सर्विसेज अब 331 शहरों में पहुंच गई है। होली के दिन मंगलवार को 27 और शहर जियो के 5जी नेटवर्क के साथ जुड़ गए। Airtel ने भी हाल ही में 125 शहरों में 5G लॉन्च किया है। कंपनी का दावा है कि उसकी 5G प्लस सेवाएं अब 265 से अधिक शहरों में पहुंच गई हैं। जियो और एयरटेल दोनों ही तेजी से अपनी 5जी सेवाओं को रोलआउट कर रहे हैं।
जियो का कहना है कि उसका लक्ष्य दिसंबर 2023 तक भारत के हर शहर और कस्बे तक 5जी पहुंचाना है। एयरटेल ने कहा है कि वह मार्च 2024 तक सभी प्रमुख कस्बों और ग्रामीण इलाकों तक 5जी सेवाओं को पहुंचा देगी।