बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल Reliance Jio की अगले वर्ष स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग हो सकती है। बिलिनेयर मुकेश अंबानी की इस कंपनी का वैल्यूएशन लगभग 112 अरब डॉलर का हो सकता है। यह इसकी पैरेंट कंपनी Reliance Industries (RIL) की तुलना में 7-15 प्रतिशत अधिक होगा।
ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने एक नोट में बताया है कि रिलायंस जियो का फोकस मॉनेटाइजेशन और सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ाने पर है। हाल ही में कंपनी ने टैरिफ बढ़ाया है। हालांकि, इसने फीचर फोन के टैरिफ में बदलाव नहीं किया है। इस नोट में कहा गया है, "अगले वर्ष इस कंपनी की लिस्टिंग की संभावना है।" रिलायंस की ओर से Jio Financial Services की तरह Jio को अलग करने या इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने का फैसला किया जा सकता है।
Jefferies ने बताया कि इसे अलग करने या लिस्टिंग कराने का फैसला अलग करने में पूरी वैल्यू अनलॉक होने से तेजी की क्षमता और कम कंट्रोलिंग स्टेक के साथ संतुलन बनाने पर निर्भर करेगा।
अगर यह टेलीकॉम कंपनी लिस्टिंग का रास्ता चुनती है तो इस पर कंट्रोल बेहतर होगा लेकिन इसके लिए होल्डिंग कंपनी को 20-50 प्रतिशत का डिस्काउंट देना होगा और बड़े रिटेल मॉनेटाइजेशन की जरूरत होगी। टेलीकॉम कंपनी में 33.7 प्रतिशत माइनॉरिटी शेयरहोल्डिंग के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की लिस्टिंग से IPO की जरूरत पूरी कर सकती है। हालांकि,
IPO का 35 प्रतिशत रिटेल सेगमेंट के लिए रिजर्व होता है और इसके लिए बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी की जरूरत होगी।
रिलायंस जियो को अलग करने पर होल्डिंग कंपनी के डिस्काउंट से बचा जा सकेगा और RIL के शेयरहोल्डर्स को फायदा होगा। हालांकि, लिस्टिंग होने पर जियो में मालिकाना हक घटकर 33.3 प्रतिशत रह जाएगा। Jefferies ने कहा कि इन तथ्यों के मद्देनजर, डोमेस्टिक और विदेशी इनवेस्टर्स जियो की संभावित लिस्टिंग के लिए इसे अलग करने के पक्ष में दिख रहे हैं। Jefferies का मानना है कि अगर जियो को अलग किया जाता है तो RIL की निष्पक्ष वैल्यू 3,580 रुपये प्रति शेयर होगी, जो इसके मौजूदा प्राइस से लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। पिछले कुछ वर्षों में रिलायंस जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। कंपनी के 5G नेटवर्क का देश के बड़े हिस्से तक पहुंच गया है।