सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का कंसॉलिडेटेड नेट लॉस मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर बढकर लगभग 1,569 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछली तिमाही में 1,481 करोड़ रुपये का था। हालांकि, वर्ष-दर-वर्ष आधार पर कंपनी का लॉस घटा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह लॉस 1,868 करोड़ रुपये का था।
एक मीडिया
रिपोर्ट में बताया गया है कि BSNL का रेवेन्यू तीसरी तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 11.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 4,549 करोड़ रुपये का था। इसमें वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। रेवेन्यू में कमी वाले सर्कल में कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश (पश्चिम), केरल और अंडमान और निकोबार शामिल हैं। BSNL के चेयरमैन, P K Purwar ने तीसरी तिमाही के रिजल्ट्स के बाद एक पत्र में कहा है, "रिवाइवल पैकेज के बाद हमारे निवेश और कोशिशों का उद्देश्य सर्विस, नेटवर्क को मजबूत करने और हमारे बिजनेस में बदलाव लाने में रुकावटों का हटाना है।"
BSNL को 4G नेटवर्क के लॉन्च में देरी से बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर्स का नुकसान हो रहा है। इसने ने Tata Group की IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को 4G नेटवर्क को इंस्टॉल करने से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया था। इसमें देरी से BSNL को नुकसान हो रहा है। हाल ही में इसकी एंप्लॉयी यूनियन ने कम्युनिकेशंस मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw को इस बारे में लिखे पत्र में कहा था, "BSNL को अपने कस्टमर्स को 4G सर्विस उपलब्ध नहीं कराने की वजह से मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। Airtel और Reliance Jio ने देश भर में अपनी 5G सर्विस लॉन्च कर दी है।
BSNL इन कंपनियों का 2G और 3G टेक्नोलॉजीज के साथ मुकाबला करने में संघर्ष कर रही है। BSNL की 4G सर्विस के लॉन्च में बहुत अधिक देरी हो रही है।"
इस पत्र में बताया गया था कि टेलीकॉम रेगुलेटर के डेटा के अनुसार, BSNL की सर्विस को प्रत्येक महीने लाखों कस्टमर्स छोड़ रहे हैं। पिछले वर्ष कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या घटकर लगभग 9.50 करोड़ से कुछ अधिक थी। हाल ही में BSNL ने कहा था कि उसका इस वर्ष 20 प्रतिशत मार्केट शेयर हासिल करने का लक्ष्य है।