BSNL को लगा झटका, छंटनी के विरोध में उतरे कर्मचारी

BSNL की एंप्लॉयी यूनियन का कहना है कि कंपनी के वर्कर्स की संख्या इसकी वित्तीय समस्याओं का कारण नहीं है। कंपनी के प्रबंधन की रेवेन्यू बढ़ाने में अक्षमता इसका वास्तविक कारण है।

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 31 दिसंबर 2024 14:18 IST
ख़ास बातें
  • BSNL ने लगभग 19,000 वर्कर्स को VRS के तहत हटाने का प्रपोजल दिया है
  • इसकी एंप्लॉयी यूनियन ने फैसले को वापस लेने की मांग की है
  • प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से BSNL को कड़ी टक्कर मिल रही है

इसकी एंप्लॉयी यूनियन ने प्रबंधन की नाकामी को दोषी बताया है

सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) की वर्कर्स की छंटनी करने की योजना को झटका लगा है। BSNL की एंप्लॉयी यूनियन ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। BSNL ने लगभग 19,000 वर्कर्स को वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) के तहत हटाने का प्रपोजल दिया है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की एंप्लॉयी यूनियन या BSNLEU ने BSNL के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर, Robert J Ravi को लिखे पत्र में इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इस पत्र में बताया गया है कि कंपनी के पास लगभग 29,750 एग्जिक्यूटिव्स और लगभग 26,435 नॉन- एग्जिक्यूटिव वर्कर्स हैं। BSNLEU ने पत्र में कहा है, "कंपनी के वर्कर्स की संख्या इसकी वित्तीय समस्याओं का कारण नहीं है। कंपनी के प्रबंधन की रेवेन्यू बढ़ाने में अक्षमता इसका वास्तविक कारण है। हम प्रबंधन से इस फैसले पर दोबारा विचार करने और इसे वापस लेने का निवेदन करते हैं।" 

BSNLEU ने बताया है कि कंपनी को अपनी रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा लैंडलाइन सर्विस से मिलता है। हालांकि, लगभग चार वर्ष पहले BSNL के बड़ी संख्या में वर्कर्स को VRS देने के बाद लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड कनेक्शंस की मेंटेनेंस को आउटसोर्स किया गया था। इससे इन सर्विसेज की क्वालिटी पर बड़ा असर पड़ा है और BSNL के लैंडलाइन कनेक्शंस बहुत कम रह गए हैं। इस सेगमेंट पर Reliance Jio की बड़ी हिस्सेदारी हो गई है। 

कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट को मजबूत बनाने के लिए अपनी मौजूदा वर्कफोर्स को लगभग 35 प्रतिशत घटाने की योजना बनाई है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) जल्द ही BSNL की दूसरी वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री से स्वीकृति मांग सकता है। BSNL के बोर्ड ने VRS के जरिए 18,000 से 19,000 कर्मचारियों को हटाने के लिए एक प्रपोजल भेजा है। कम्युनिकेशंस मिनिस्ट्री के निर्देश के बाद इस कंपनी ने VRS का प्रपोजल दिया है। इसे फाइनेंस मिनिस्ट्री से स्वीकृति मिलने के बाद मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा। कंपनी ने VRS के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये की मांग की है। यह कंपनी अपने कर्मचारियों के वेतन पर वार्षिक लगभग 7,500 करोड़ रुपये का खर्च करती है, जो इसके रेवेन्यू का लगभग 38 प्रतिशत है। कंपनी की योजना इस खर्च को घटाने की है। 


 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Poco का M7 Plus जल्द होगा भारत में लॉन्च, 15,000 रुपये से कम हो सकता है प्राइस
#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon Great Freedom Festival Sale: Samsung के Galaxy S25 Ultra, S25 Edge, M36 पर भारी डिस्काउंट
  2. Pixel 10 Pro Fold 5G: कीमत, स्पेसिफिकेशन्स और डिजाइन, लॉन्च से पहले जानें सब कुछ
  3. UBON ने लॉन्च किया 10,000mAh की कैपेसिटी वाला मैग्नेटिक वायरलेस चार्जिंग पावर बैंक
  4. Poco का M7 Plus जल्द होगा भारत में लॉन्च, 15,000 रुपये से कम हो सकता है प्राइस
  5. 100 करोड़ के Samsung मोबाइल ट्रक से चोरी!
  6. Amazon Freedom Festival Sale: बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट्स में Samsung Galaxy A55, OnePlus Pad Go, Vivo T4x शामिल
  7. Amazon Great Freedom Festival Sale: Redmi A4, Redmi Note 14, Redmi 13 Prime पर बड़ा डिस्काउंट
  8. WhatsApp से अब आप नॉन-यूजर्स के साथ भी कर पाएंगे चैट, आ रहा नया फीचर, जानें सबकुछ
  9. Nubia Z80 Ultra होगा 7100mAh से बड़ी बैटरी, Snapdragon 8 Elite 2 के साथ पेश, स्पेसिफिकेशंस हुए लीक
  10. Oppo K13 Turbo सीरीज भारत में 11 अगस्त को हो रही है लॉन्च, कीमत भी हुई कंफर्म
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.