24 नहीं 19 घंटों का दिन होता था पृथ्‍वी पर, मुश्किल वक्‍त में चांद ने दिया साथ!

जब पृथ्‍वी ‘बोरिंग बिलियन’ की अवधि में थी, उस दौरान चंद्रमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 15 जून 2023 18:57 IST
ख़ास बातें
  • पृथ्‍वी पर एक दिन कभी 19 घंटे का भी हुआ करता था
  • दो वैज्ञानिकों ने स्‍टडी में निकाला निष्‍कर्ष
  • यह स्‍टडी नेचर जियोसाइंस मैगजीन में पब्लिश हुई है

चंद्रमा और पृथ्‍वी के बीच दूरी अतीत में कम हुआ करती थी, यह बात अन्‍य शोधों में भी सामने आई है।

एक दिन में कितने घंटे होते हैं? आप कहेंगे 24। जवाब बिलकुल सही है, लेकिन पृथ्‍वी पर एक दिन कभी 19 घंटे का भी हुआ करता था। उस अव‍धि को ‘बोरिंग बिलियन' कहा जाता है। दो भूभौतिकीविदों (Geophysicists) ने अपनी स्‍टडी में पाया है कि टेक्‍टोनिक एक्टिविटी में कमी और गुरुत्वाकर्षण बलों के नाजुक संतुलन की वजह से पृथ्वी को घूर्णन में कमी का सामना करना पड़ता था। यह स्‍टडी नेचर जियोसाइंस मैगजीन में पब्लिश हुई है। 

स्‍टडी के अनुसार, जब पृथ्‍वी ‘बोरिंग बिलियन' की अवधि में थी, उस दौरान चंद्रमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पृथ्‍वी के काफी नजदीक होने के कारण चंद्रमा ने एक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव को मजबूती से बढ़ाया और समय के साथ पृथ्‍वी की रोटेशनल एनर्जी को कम करने में मदद की। यही नहीं, चंद्रमा ने खुद को पृथ्‍वी से काफी दूर कर दिया।   

अपने निष्‍कर्ष तक पहुंचने के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने भूगर्भीय डेटा का विश्लेषण किया। यह डेटा हाल के वर्षों में जुटाया गया है, ताकि पृथ्‍वी को और बेहतर तरीके से समझा जा सके। वैज्ञानिकों के मॉडल ने पृथ्‍वी के स्‍नोबॉल फेज का खुलासा भी किया है। यह उस अवधि को कहा जाता है, जब हमारा ग्रह जमा हुआ रहा होगा। वैज्ञानिकों का मॉडल कहता है कि पृथ्‍वी का स्‍नोबॉल फेज 2 से 1 अरब साल के बीच था। 

स्‍टडी में कहा गया है कि उस युग में पृथ्‍वी पर ऑक्सीजन के स्तर में वृद्धि हुई। ओजोन परत का निर्माण हुआ। ओजोन परत के कारण होने वाली एक्टिविटीज से पृथ्‍वी व चंद्रमा का मजबूत गुरुत्‍वाकर्षण खिंचाव संतुलित हुआ और उसने पृथ्‍वी के घूर्णन को स्थिर किया है। रिसर्चर्स ने अनुमान लगाया है कि उस अवधि के दौरान ही फोटोसिंथेटिक बैक्‍टीरिया की गतिविधियां बढ़ीं और पृथ्‍वी पर जीवन पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हुईं। 

चंद्रमा और पृथ्‍वी के बीच दूरी अतीत में कम हुआ करती थी, यह बात अन्‍य शोधों में भी सामने आई है। वैज्ञानिक अनुमान लगा चुके हैं कि 2.5 अरब साल पहले चंद्रमा और पृथ्‍वी के बीच दूरी 60 हजार किलोमीटर कम रही होगी। उनका मानना है कि आज जो दूरी 384,400 किलोमीटर है, वह ढाई अरब साल पहले 321,800 किलोमीटर थी और दिन की लंबाई 24 घंटों की जगह 16.9 घंटे थी। रिसर्चर्स का कहना है कि अरबों साल पहले चंद्रमा हकीकत में हमारे ग्रह के करीब था और अब यह धीरे-धीरे दूर हो रहा है। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. दिवाली से पहले 6000 हजार रुपये सस्ती कीमत पर खरीदें iPhone 17, यहां मिलेगा डिस्काउंट
#ताज़ा ख़बरें
  1. TCS में वर्कर्स की छंटनी को लेकर बढ़ा विवाद, एंप्लॉयी यूनियन ने लगाया प्रेशर डालने का आरोप
  2. फाइनेंशियल फ्रॉड की चेतावनी देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा RBI
  3. OnePlus Nord 6 जल्द हो सकता है लॉन्च, IMEI पर हुई लिस्टिंग
  4. क्या आपके अगले स्मार्टफोन के बॉक्स से गायब हो जाएगी चार्जिंग केबल? इस कंपनी ने शुरू किया ट्रेंड
  5. Samsung Galaxy S26 Ultra में मिल सकता है 6.9 इंच QHD+ AMOLED डिस्प्ले
  6. अब ‘चश्मा’ बनेगा वॉलेट! स्मार्ट ग्लास से होगा UPI पेमेंट, फोन की जरूरत नहीं
  7. Realme 15 Pro 5G Game of Thrones लिमिटेड एडिशन भारत में हुआ लॉन्च, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. JBL Tour One M3 और Smart Tx वायरलेस हेडफोन्स भारत में लॉन्च: मिलेगा 70 घंटे का प्लेबैक और स्मार्ट टच डिस्प्ले
  9. Amazon Sale: Samsung के स्मार्टफोन्स को भारी डिस्काउंट के साथ खरीदने का मौका
  10. IMC 2025: Jio का JioBharat सेफ्टी फर्स्ट फोन हुआ पेश, जानें खासियतें
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.