• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Nishimura : 437 साल में एक बार करीब आता है यह धूमकेतु, 12 सितंबर से देख सकेंगे बिना दूरबीन के

Nishimura : 437 साल में एक बार करीब आता है यह धूमकेतु, 12 सितंबर से देख सकेंगे बिना दूरबीन के

Nishimura Comet : धूमकेतु का नाम शौकिया खगोलशास्त्री हिदेओ निशिमुरा के नाम पर रखा गया है।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Nishimura : 437 साल में एक बार करीब आता है यह धूमकेतु, 12 सितंबर से देख सकेंगे बिना दूरबीन के

Photo Credit: सांकेतिक तस्‍वीर

बताया जाता है कि 437 साल में एक बार यह धूमकेतु पृथ्‍वी के करीब आता है।

ख़ास बातें
  • आसमान में एक अहम घटना होने वाली है
  • पिछले महीने खोजा गया निशिमुरा धूमकेतु दिखाई देगा
  • 437 साल में एक बार देखने का मिलता है मौका
विज्ञापन
आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्‍पी रखने वालों के लिए एक खास मौका आ रहा है। 12 सितंबर को एक धूमकेतु को नग्‍न आंखों से आकाश में देखा जा सकेगा। धूमकेतु का नाम निशिमुरा (Nishimura) है। इसके बारे में खगोलशास्त्रियों को पिछले महीने 11 अगस्‍त को पहली बार जानकारी मिली। धूमकेतु का नाम शौकिया खगोलशास्त्री हिदेओ निशिमुरा के नाम पर रखा गया है। उन्‍होंने ही प‍िछले महीने इसे खोजा था। बताया जाता है कि 437 साल में एक बार यह धूमकेतु पृथ्‍वी के करीब आता है। 

धधकती हुई रोशनी का यह गोला पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दूरबीन की मदद से यह अभी भी दिखाई दे सकता है। खगोलशास्त्रियों का मानना है कि निशिमुरा की उत्‍पत्ति‍ हमारे सौर मंडल के सुदूर में मौजूद ऊर्ट क्‍लाउड (Oort cloud) में हुई है। इसे कई बर्फीले ऑब्‍जेक्‍ट का इलाका माना जाता है। 

खगोलविदों का मानना है कि निशिमुरा धूमकेतु जल्‍द सूर्य की परिक्रमा करेगा और इस दौरान यह पृथ्‍वी के भी करीब आएगा। बाद में यह सुदूर अंतरिक्ष में चला जाएगा। निशिमुरा धूमकेतु का वैज्ञानिक नाम C/2023 P1 है। यह 17 सितंबर को सूर्य के सबसे करीब से गुजरेगा। उससे पहले यह 13 सितंबर को पृथ्‍वी के सबसे करीब पहुंच सकता है और 12 सितंबर से ही दिखना शुरू हो सकता है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि निशिमुरा धूमकेतु की परिक्रमा अवधि 437 साल है। यानी 12 सितंबर के बाद यह धूमकेतु अगले 437 साल में पृथ्‍वी के करीब आएगा। 12 से 18 सितंबर तक निशिमुरा को बिना किसी दूरबीन की मदद से खोज जा सकेगा। इस दौरान धूमकेतु की चमक और ज्‍यादा बढ़ सकती है।  

ऐसी घटनाओं का गवाह बनने के लिए सूर्यास्‍त के बाद से सूर्योदय होने तक का वक्‍त सबसे बेस्‍ट होता है। रात जितनी गहरी और अंधेरी होगी, धूमकेतु और उसकी चमक को देखने की संभावना बढ़ जाएगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया और भी... ...और भी

संबंधित ख़बरें

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 33 साल बाद इस जगह फटने वाला है 11 हजार फीट ऊंचा ज्वालामुखी! वैज्ञानिकों ने चेताया
  2. सिंगल चार्ज में 50 घंटे चलने वाले ईयरबड्स Noise Air Buds Pro 6 लॉन्च, जानें कीमत
  3. 30W पावरफुल साउंड, QLED डिस्प्ले के साथ Lumio Vision 7, Vision 9 स्मार्ट TV पेश, जानें डिटेल
  4. Motorola Edge 60 के लॉन्च से पहले डिजाइन, कलर वेरिएंट्स हुए लीक, Sony कैमरा से लैस होगा फोन!
  5. Nothing Phone (3a) Pro vs Samsung Galaxy A36: Rs 30 हजार की रेंज में कौन सा फोन बेस्ट?
  6. 22 मंजिल ऊंचा, 40 मीटर चौड़ा ELT टेलीस्कोप हो रहा तैयार, 'एलियन लाइफ' का लगाएगा पता!
  7. IPL Match Today Live Streaming: DC vs CSK, और RR vs PBKS मैच आज कहां, कैसे देखें फ्री, जानें सबकुछ
  8. Infinix Note 50s Pro+ 5G होगा खुशबूदार फोन, फूलों की तरह महकेगा! जानें खास फीचर
  9. Poco C71 vs LAVA Bold 5G: कौन सा किफायती फोन है ज्यादा बेहतर
  10. 10 हजार से भी सस्ते मिल रहे ये टॉप 5G स्मार्टफोन, फ्लिपकार्ट पर डिस्काउंट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »