वीडियो कॉलिंग से कम हो रही दिमागी क्षमता! आई नई स्टडी

Yale University में इस स्टडी पर काम किया गया है। जिसमें बताया गया है कि आमने-सामने की गई बातचीत कैसे हमारे प्राकृतिक संवाद को रूप देती है।

वीडियो कॉलिंग से कम हो रही दिमागी क्षमता! आई नई स्टडी

Photo Credit: Meta

वीडियो कॉलिंग से दिमागी क्षमता पर पड़ रहा है असर।

ख़ास बातें
  • वीडियो कॉलिंग हमारे दिमाग की क्षमता पर असर डालती है।
  • वीडियो कॉलिंग इस प्राकृतिक संवाद की क्षमता को विकृत कर रही है।
  • दिमाग का सोशल सिस्टम फेस-टु-फेस बातचीत में ज्यादा एक्टिव पाया गया।
विज्ञापन
COVID महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम, स्टडी फ्रॉम होम, वीडियो कॉल जैसी चीजें बेहद आम हो गईं जिसमें वीडियो कॉलिंग आधारित बातचीत को एकदम से बढ़ावा मिल गया। लेकिन वैज्ञानिक कह रहे हैं कि वीडियो कॉलिंग हमारे दिमाग की क्षमता पर असर डालती है। कैसे? इस स्टडी के जरिए बताया गया है, जो कहती है कि वीडियो कॉलिंग हमारे दिमाग की क्षमता को प्रभावित करती है। वह क्षमता जिससे हमारा दिमाग किसी के साथ की जा रही बातचीत, या अंग्रेजी में इंटरेक्शन, को प्रोसेस करता है।

Yale University में इस स्टडी पर काम किया गया है। जिसमें बताया गया है कि आमने-सामने की गई बातचीत कैसे हमारे प्राकृतिक संवाद को रूप देती है। यानी कि वीडियो कॉलिंग इस प्राकृतिक संवाद की क्षमता को विकृत कर रही है। स्टडी के सीनियर लेखक जॉय हिर्स के अनुसार, हमारे दिमाग का एक सोशल सिस्टम होता है जो वास्तविक, फेस-टु-फेस, या व्यक्तिगत संवाद में ज्यादा एक्टिव रहता है, और अच्छे तरीके से काम करता है। 

स्टडी कहती है कि चेहरों का ऑनलाइन दिखना दिमाग की इस सोशल न्यूरल एक्टिविटी को उतना एक्टिव नहीं रख पाता है जितना कि लाइव, या आमने-सामने की गई बातचीत प्रभाव डालती है। स्टडी के लिए हिर्स की टीम ने दो तरह से प्रयोग किया। एक में लाइव बातचीत को रिकॉर्ड किया गया जिसमें दो व्यक्ति असल में एक दूसरे के सामने बातचीत कर रहे हैं, और उनका न्यूरल सिस्टम भी रिकॉर्ड किया जा रहा है। जबकि दूसरे में भी दो व्यक्ति आपस में बातचीत कर रहे हैं, लेकिन वे Zoom पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर रहे हैं। 

इस प्रयोग से पाया गया कि बातचीत के दौरान न्यूरल सिग्नल भेजने की प्रक्रिया Zoom पर की जा रही बातचीत में बहुत कम हो गई, जबकि यह फेस-टु-फेस इंटरेक्शन में बहुत ज्यादा थी। इससे निष्कर्ष निकाला गया कि फेस-टु-फेस बातचीत में दिमाग द्वारा सिग्नल ज्यादा भेजे जाते हैं क्योंकि व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति को देखने का टाइम ज्यादा होता है, और सामने वाले की मौजूदगी ज्यादा बड़े पैमाने पर फैली होती है। इससे ECG एक्टिविटी भी बढ़ जाती है जो कि फेस प्रोसेसिंग की क्षमता को दिखाती है। कुल मिलाकर स्टडी कहती है कि वीडियो कॉलिंग हमारे दिमाग की फेस प्रोसेसिंग क्षमता को कम कर रही है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  2. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  3. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  4. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  5. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  6. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  7. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  8. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
  9. Ursid Meteor Shower 2024: दिसंबर में इस दिन होगी उल्काओं की बारिश! ऐसे देखें अद्भुत नजारा
  10. JioTag Go vs JioTag Air: Rs 1,499 में कौन सा डिवाइस ट्रैकर है बेस्ट?
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »