UFO यानी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट सचाई हैं। खुद अमेरिकी प्रशासन इनके बारे में बोल चुका है। लेकिन आजतक यह पता नहीं चल पाया है कि UFO के पीछे कौन है? क्या तीसरी दुनिया से एलियंस इन्हें ऑपरेट करते हैं? ऐसे कई सवालों के जवाब वैज्ञानिक तलाश रहे हैं। इस बीच चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। नौसेना के एक दल ने कथित तौर पर एक डॉक्युमेंट्री फिल्ममेकर को बताया है कि साल 2019 में अमेरिकी युद्धपोतों को ‘कम से कम 100' UFO के झुंड ने घेर लिया था।
जेरेमी केन्योन लॉकयर कॉर्बेल ने
डेलीमेल डॉट कॉम को बताया है कि जुलाई 2019 में दक्षिणी कैलिफोर्निया के तट पर एक रहस्यमयी घटना का गवाह बने जहाजों के चालक दल ने उन्हें इसके बारे में बताया।
हालांकि नेवल इंटेलिजेंस के डेप्युटी डायरेक्टर स्कॉट ब्रे ने पिछले महीने UFO पर चल रही एक सुनवाई के दौरान कहा था कि उनकी ब्रांच आश्वस्त थी कि घटना में शामिल चीजें ड्रोन थीं।
लेकिन जेरेमी कॉर्बेल ने कहा है कि मुझे परवाह नहीं कि वो 'ड्रोन' थे, रियल यूएफओ थे या पिरामिड, ट्राइएंगल या सीगल जिनके पंखों पर लाइट्स लगी हुई थीं। उन्होंने कहा कि सिर्फ मूल प्रश्न का जवाब देने की जरूरत है कि क्या हम उन यूनिट्स के कंट्रोलर्स के बारे में जानते हैं।
कार्बेल ने कहा कि हम अभी तक नहीं जानते कि वो क्या चीज थी, लेकिन उनकी मौजूदगी और क्षमता गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले को जाहिर करती है। उन्होंने वॉरशिप के साथ हुई घटना का वीडियो भी शेयर किया था। इसे पेंटागन ने भी वेरिफाई किया है। यह वीडियो पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पेंटागन ने भी पिछले नवंबर में मिलिट्री ट्रेनिंग एयरस्पेस में देखे गए UFO को ट्रैक करने और उनका आकलन करने के मकसद से अपना नया ऑफिस शुरू करने की योजना का ऐलान किया था।
यह ऑफिस तमाम अन्य विभागों के साथ मिलकर UFO का पहचान करने का काम करेगा। अपनी एक हालिया रिपोर्ट में अमेरिका की UAP टास्क फोर्स ने अमेरिकी सेना और यूएफओ के बीच 144 बार आमना-सामना होने की बात कही है। रिपोर्ट में एलियंस कनेक्शन होने की बात से इनकार नहीं कियाा गया है।