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कागज जितने पतले सोलर सेल से अब कपड़े भी पैदा करेंगे बिजली, जानें कैसे करता है काम

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है।

कागज जितने पतले सोलर सेल से अब कपड़े भी पैदा करेंगे बिजली, जानें कैसे करता है काम

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है।

ख़ास बातें
  • इसकी मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है
  • इंसान के बाल से भी पतला है ये सोलर सेल
  • इसमें Dyneema नाम के एक खास फैब्रिक का इस्तेमाल किया गया है
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टेक्नोलॉजी इस कदर प्रगति कर रही है कि हमें आए दिन एक नया अनूठे और अदभुत आविष्कार देखने को मिलता है। लेटेस्ट उपलब्धी सोलर सेल के रूप में हासिल की गई है, जहां MIT के रिसर्चर्स ने बेहद पतला और हल्का सोलर सेल तैयार किया है, जिसकी तुलना आप कागज से भी कर सकते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि इस सोलर सेल का इस्तेमाल करके किसी भी सतह को पावर सोर्स में बदला जा सकता है।

MIT के अनुसार, ये टिकाऊ और लचीले सोलर सेल, इंसानी बाल की तुलना में बहुत पतले होते हैं, जो मजबूत और हल्के कपड़े से चिपके होते हैं। इससे उन्हें एक निश्चित सतह पर स्थापित करना आसान हो जाता है। ये पहनने योग्य कपड़े के रूप में चलते-फिरते एनर्जी प्रदान कर सकते हैं या आपात स्थिति में सहायता के लिए दूर-दराज के स्थानों में पहुँचाए जा सकते हैं। ये पारंपरिक सोलर पैनल के वजन का सौवां हिस्सा हैं, प्रति किलोग्राम 18 गुना अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं, और प्रिंटिंग प्रोसेस का उपयोग करके सेमीकंडक्टिंग इंक से बनाए जाते हैं, जिन्हें भविष्य में बड़े क्षेत्र के निर्माण में बढ़ाया जा सकता है।

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है। MIT ने जिस सोलर सेल को डेवलप किया है, वो इंसान के बाल से भी पतला है। रिसर्च पेपर के लीड ऑथर Vladimir Bulović का कहना है कि, (अनुवादित) 'हमारे लाइटवेट फोटोवोल्टिक (PV) सेल का मौजूदा वर्जन उतना कारगर नहीं है, जितने सिलिकॉन PVs होते हैं, लेकिन इनका वजन बहुत कम है और इन पावर सेल्स का इस्तेमाल कन्वेंशनल सिलिकॉन PVs को रिप्लेस करने के लिए नहीं होगा, बल्कि ये वहां काम आएंगे, जहां सिलिकॉन PVs काम नहीं करते हैं।'

बहुत ज्यादा पतलने होने की वजह से ये आसानी से खराब या टूट सकते हैं। इस दिक्कत को दूर करने के लिए रिसर्चर्स ने एक स्पेशल फैब्रिक का इस्तेमाल किया है, जिसे Dyneema कहा जाता है। इस मैटेरियल पर अभी भी काम किया जा रहा है। एक बार यह पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तो इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकेगा।

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नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
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