ऑटो मेकर टोयोटा (Toyota) जापान की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ एक व्हीकल पर काम कर रही है। इसे चंद्रमा पर उतारने की तैयारी है। कंपनी साल 2040 तक लोगों को चंद्रमा पर रहने में मदद करना चाहती है और उसके बाद मंगल ग्रह पर जाने की तैयारी है। कंपनी के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ डेवलप किए जा रहे इस व्हीकल को लूनार क्रूजर नाम दिया गया है। यह नाम टोयोटा की लैंड क्रूजर स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल को समर्पित है।
टोयोटा मोटर के लूनार क्रूजर प्रोजेक्ट के हेड ताकाओ सातो ने कहा कि इस व्हीकल के पीछे यह आइडिया है कि लोग कारों में सुरक्षित रूप से खाते हैं, काम करते हैं, सोते हैं और दूसरों से कम्युनिकेट करते हैं। अंतरिक्ष के बाहर भी यही किया जाता है। यानी व्हीकल को इसी तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम अंतरिक्ष को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में देखते हैं, जहां दूरसंचार और अन्य तकनीकों को डेवलप किया जा सकता है। ये इंसान की जिंदगी के लिए मूल्यवान साबित होंगी।
टोयोटा के साथ कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कंपनी Gitai Japan ने लूनार क्रूजर के लिए एक रोबोटिक आर्म डेवलप किया है। इसे प्रोजेक्ट का निरीक्षण और रखरखाव जैसे कामों के लिए डिजाइन किया गया है। इसका ‘ग्रेपल फिक्स्चर' आर्म के सिरे को बदल भी सकता है, जिसके बाद यह स्कूपिंग, लिफ्टिंग और स्वीपिंग मशीन की तरह भी काम कर सकता है। Gitai के चीफ एग्जीक्यूटिव नाकानोस ने कहा कि अंतरिक्ष में काम करने से अंतरिक्ष यात्रियों पर बड़ा खर्च आएगा और उन्हें खतरा भी होगा। ऐसे में ये रोबोट ही काम आएंगे।
1930 के दशक स्थापित हुई टोयोटा बदलते वक्त की वजह से अपना एक प्रमुख बिजनेस खोने को लेकर चिंतित है। कंपनी ने हाउसिंग, बोट, जेट और रोबोट के क्षेत्र में कदम रखा है। जापान में माउंट फूजी के पास इसके नेट-कनेक्टेड सस्टेनेबल रिहायशी क्वार्टर इस साल के आखिर तक तैयार होंगे। इसे वोवन सिटी भी कहा जाता है।
वहीं, चंद्रमा के प्रति जापान के लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ती जा रही है।
आईस्पेस (ispace) नाम का एक प्राइवेट जापानी वेंचर- लूनार रोवर्स, लैंडिंग और ऑर्बिटिंग पर काम कर रहा है। देश के बड़े बिजनेसमैन युसाकु मेजावा भी साल 2023 में चंद्रमा की यात्रा पर जाने वाले हैं। युसाकु यह यात्रा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स SpaceX के जरिए करेंगे। इसकी बुकिंग भी उन्होंने कर ली है और हाल ही में अंतरिक्ष में 12 दिन बिताकर लौटे हैं।