दुनिया भर के वैज्ञानिकों की रिसर्च का अहम केंद्र
पृथ्वी के बाहर जीवन की तलाश करना है। इसी मकसद से चांद पर, मंगल ग्रह पर, शुक्र पर मिशन भेजे जा रहे हैं। 5500 से ज्यादा एक्सोप्लैनेट्स (Exoplanet) खोजे जा चुके हैं। हालांकि वैज्ञानिकों को पृथ्वी के बाहर जीवन के सबूत अबतक नहीं मिले हैं। भविष्य में यह खोज निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती है, क्योंकि वैज्ञानिकों को हमारे सौरमंडल में ही एक ऐसे ग्रह के संकेत मिले हैं, जो पृथ्वी के समान हो सकता है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि खगोलविदों ने हमारे सौर मंडल के अंदर पृथ्वी के जैसे एक ग्रह की मौजूदगी का संकेत तलाशा है। अनुमान है कि यह ग्रह नेपच्यून (Neptune) ग्रह से भी दूर एक कक्षा में स्थित है।
जापान की किंडाई यूनिवर्सिटी की पैट्रिक सोफिया लाइकावका और जापान की ही नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेट्री के ताकाशी इतो द्वारा की गई स्टडी में यह जानकारी सामने आई है। द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में
पब्लिश हुई स्टडी में रिसर्चर्स ने लिखा है कि वह अपनी स्टडी में पृथ्वी जैसे ग्रह के अस्तित्व की भविष्यवाणी करते हैं।
रिसर्चर्स का कहना है कि जिस ग्रह की संभावना उन्होंने जताई है वह कुइपर बेल्ट में मौजूद हो सकता है। नेपच्यून ग्रह के बाद कुइपर बेल्ट की शुरुआत होती है। गोल आकार की बेल्ट ने हमारे सौर मंडल को घेरा हुआ है। वहां लाखों एस्टरॉयड हैं, जिनमें बर्फ भी है। इन्हीं के बीच वह ग्रह है, जो पृथ्वी के जैसा हो सकता है। हालांकि कुइपर बेल्ट के ऑर्बिटल स्ट्रक्चर के बारे में अभी और जानने की जरूरत है। उसके बाद ही वहां मौजूद किसी ग्रह के अस्तित्व को स्वीकारा या नकारा जा सकता है।
गौरतलब है कि पृथ्वी से बाहर जीवन की तलाश में वैज्ञानिक सुदूर स्थित ग्रहों, आकाशगंगाओं को टटोल रहे हैं। एक्सोप्लैनेट्स पर उनकी विशेष नजर है। ऐसे ग्रह जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं,
एक्सोप्लैनेट्स कहलाते हैं। स्पेस एजेंसियों को लगता है कि जीवन की तलाश किसी एक्सोप्लैनेट पर भी पूरी हो सकती है। यही वजह है कि बीते 30 से ज्यादा वर्षों में वैज्ञानिकों ने 5502 एक्सोप्लैनेट खोज डाले हैं।