सौरमंडल का नाम सूर्य और इसके चारों ओर घूम रहे ग्रहों के कारण पड़ा है। सौरमंडल के सभी ग्रह सूर्य पर हो रही गतिविधियों से प्रभावित होते हैं। सौर ऊर्जा से पृथ्वी पर जीवन चलता है। लेकिन ये सौर ऊर्जा जब अधिक मात्रा में धरती तक पहुंचने लगे तो सौर तूफान कहलाती है। ये सौर तूफान सोलर फ्लेयर या जियोमेग्नेटिक स्टॉर्म भी कहे जाते हैं। 2023 की शुरुआत से लेकर अब तक कई सौर तूफान पृथ्वी से टकरा चुके हैं। यह सूर्य की 25वीं साइकल का समय है। जब सूर्य 11 सालों की एक साइकल पूरी करता है तो 11वें साल इसकी सतह पर भारी विस्फोट होते हैं जिनसे ऊर्जा भारी मात्रा में निकलती है। इस ऊर्जा का पृथ्वी पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
जून 2023
सौरमंडल के लिए भयंकर महीना रहा है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस बार सूरज पर इतने अधिक
सनस्पॉट बने हैं कि इसने 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस अकेले महीने में सूर्य की सतह पर 160 सनस्पॉट बने।
नासा और यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (
NOAA) ने सूर्य की वर्तमान साइकल, जो कि रिकॉर्ड शुरू होने के बाद 25वीं साइकल कही जा रही है, के बारे में जो अनुमान लगाया था यह उससे कहीं ज्यादा भयंकर साबित हो रही है। स्पेस डॉट कॉम के
अनुसार सूर्य अभी उस अवस्था से गुजर रहा है जब इसमें मासिक तौर पर 200 के लगभग सनस्पॉट बन रहे हैं। जबकि स्पेस एजेंसियों ने अंदाजा लगाया था कि यह संख्या 125 से ऊपर नहीं जाएगी।
सोलर गतिविधियों के बारे में अध्य्यन करने वाली भौतिक शास्त्री कीथ स्ट्रॉन्ग ने इस बारे में Twitter पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि सितंबर 2002 के बाद जून 2023 में सबसे ज्यादा सनस्पॉट बने हैं और इनकी संख्या 163.4 बताई गई है जो कि पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा है। स्पेसवेदर डॉट कॉम के अनुसार, 2 जुलाई को इनमें से एक सनस्पॉट ने एक शक्तिशाली सोलर फ्लेयर पैदा किया जिसने कुछ समय तक पश्चिमी अमेरिका और प्रशांत महासागर में रेडियो सर्विस को बाधित कर दिया।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि सोलर साइकल अपने चरम की ओर बढ़ रही है। ऐसे में न केवल सौर तूफानों का आना, बल्कि अधिक शक्तिशाली सौर तूफानों का तेजी से आना कुछ समय में देखा जा सकता है। ज्यादा सनस्पॉट का बनना कोरोनल मास इजेक्शन (
CME) की ओर भी इशारा करता है। इसमें ऊर्जा के कण फूटते हैं जो सौर हवाएँ पैदा करते हैं। इससे पृथ्वी के मेग्नेटिक फील्ड पर प्रभाव पड़ता है। ये इसके मेग्नेटिक फील्ड को भेदकर अंदर प्रवेश कर जाते हैं जिससे आसमान में रंगीन छटा देखने को मिलती है। लेकिन कई बार इलेक्ट्रिक नेटवर्क और सैटेलाइट्स को इनसे खतरा पैदा हो जाता है। इसी के चलते SpaceX कंपनी के 40 नए सैटेलाइट खराब हो गए थे, जिसका कारण 2022 में आया ऐसा ही
सौर तूफान माना गया था।