• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में ढूंढीं 7 खास जगहें, क्‍या हो सकता है वहां? जानें

वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में ढूंढीं 7 खास जगहें, क्‍या हो सकता है वहां? जानें

Dyson spheres : स्वीडन, भारत, अमेरिका और यूके के रिसर्चर्स की इंटरनेशनल टीम ने हाल ही में एक्स्ट्रटरेस्ट्रीअल मेगास्ट्रक्चर की खोज करने का एक तरीका तैयार किया है।

वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में ढूंढीं 7 खास जगहें, क्‍या हो सकता है वहां? जानें

डायसन स्‍पेयर्स की संभावना सबसे पहले 1960 में भौतिक विज्ञानी और खगोलशास्त्री फ्रीमैन जे. डायसन ने प्रस्तावित की थी।

ख़ास बातें
  • ब्रह्मांड में लाखों ऑब्‍जेक्‍ट्स को रिसर्चर्स ने किया फ‍िल्‍टर
  • 7 खास जगहों पर ठहरी नजर
  • वहां हो सकती है एडवांस एलियंस सिविलाइजेशन की क्षमता
विज्ञापन
वैज्ञानिक हमेशा से जीवन की गहराई को समझना चाहते हैं। जानना चाहते हैं कि इस ब्रह्मांड में इंसान के अलावा जीवन का कोई और स्‍वरूप कहीं हो सकता है क्‍या? साइंस अलर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन, भारत, अमेरिका और यूके के रिसर्चर्स की इंटरनेशनल टीम ने हाल ही में एक्स्ट्रटरेस्ट्रीअल मेगास्ट्रक्चर (extraterrestrial megastructures) की खोज करने का एक तरीका तैयार किया है। उसे डायसन स्‍पेयर्स (Dyson spheres) के रूप में जाना जाता है।

डायसन स्‍पेयर्स एक काल्पनिक इंजीनियरिंग प्रोजेक्‍ट है। रिसर्चर्स की टीम का मानना है कि इस प्रोजेक्‍ट के जरिए उन्होंने लाखों संभावित स्‍पेस ऑब्‍जेक्‍ट्स को फ‍िल्‍टर किया है और ब्रह्मांड में छुपे ऐसे 7 खास इलाकों की पहचान की है, जहां एडवांस एलियंस सिव‍िलाइजेशन की क्षमता हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सिर्फ वे सिविलाइजेशन ही ऐसे प्रोजेक्‍ट के का‍बिल हैं, जो कार्दशेव स्‍केल (Kardashev scale) पर लेवल II को मापती हैं। 

डायसन स्‍पेयर्स की संभावना सबसे पहले 1960 में भौतिक विज्ञानी और खगोलशास्त्री फ्रीमैन जे. डायसन ने प्रस्तावित की थी। उन्होंने खुद को एक सौरमंडल के आकार के गोले के रूप में देखा था, जिसमें ''वस्तुओं का झुंड'' (swarm of objects) शामिल था, जो एक तारे के चारों ओर इंडिपेंडेंट ऑर्बिट्स में ट्रैवल कर सकता था। 

इस सबके पीछे यह आइडिया है कि इस बहुआयामी (multi-faceted) क्षेत्र की कमान संभालने वाले एलियंस इसका इस्‍तेमाल लोगों की एनर्जी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेंगे और एक तारे की एनर्जी को इस्‍तेमाल में लाएंगे। 

बहरहाल, 7 संभावित डायसन स्‍पेयर्स यानी खास इलाकों की पहचान के लिए रिसर्चर्स की टीम ने यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के गैया मैप के डेटा को एना‍लाइज किया। गैया मैप में तारों की विस्‍तृत डिटेल है। इसके अलावा नासा के एक टेलीस्‍कोप की मदद भी ली गई। 

वैज्ञानिकों की टीम संभावित डायसन स्‍पेयर्स को बेहतर ढंग से समझने के लिए अब ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोस्कोपी करना चाहती है। उसके बाद इस रिसर्च में नई जानकारियां मिलने की उम्‍मीद है। सभी डायसन स्‍पेयर्स में एडवांस एलियंस सिव‍िलाइजेशन के जो संकेत मिले हैं, उसे टटोला जाना अभी बाकी है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

विज्ञापन

© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »