रात में टिमाटिमाते तारों की खूबसूरती का हर कोई कायल हो जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा है, कि ये तारे गाते भी होंगे! जी हां, कैसा हो अगर तारों की टिमाटिमाहट के साथ उनकी गुनगुनाहट भी सुनाई दे! अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे लेकर एक स्टडी कर रहे हैं, जिसमें संभावना जताई गई है कि जल्द ही तारों की गुनगुनाहट भी सुनी जा सकेगी। आइए जानते हैं क्या कहती है ये नई स्टडी।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने एक नई स्टडी की है। जो
तारों की गुनगुनाहट के बारे में बात करती है। The Week के
अनुसार, रिसर्चर तारों की ट्विंकल यानि टिमटिमाहट को साउंड में तब्दील करने के तरीके पर स्टडी कर रहे हैं, जिसके बाद तारों का टिमटिमाना सुनाई भी दे सकेगा। विज्ञान के मुताबिक, तारों का टिमटिमाना पृथ्वी की वायुमंडलीय परत के कारण होता है। तारों की रोशनी वायुमंडलीय परत को भेद कर भीतर पहुंचती है, जिसके कारण रोशनी टिमटिमाती दिखती है। लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि तारों में एक आंतरिक "ट्विंकल" भी होता है। यह उनकी सतह पर मौजूद गैस वेव्ज कारण होता है। इसे अभी तक टेलीस्कोप पकड़ नहीं पाए हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ऐसे मिशन पर काम कर रही है, जिसमें
तारे के भीतर से सतह पर पहुंचने वाली ऊर्जा का 3D मैप तैयार किया जा सकेगा। इस शोध से एक कदम और आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिकों ने गैसीय लहरों को ध्वनि लहरों में बदलने की कोशिश की है। इसके बाद तारों की गुनगुनाहट साफ साफ सुनी जा सकती है। इसका कारण बताते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह तारों के कन्वेंशन जोन में होता है, जहां गैसीय मंथन चलता है। यह ऊष्मा को तारे के केंद्र से बाहर की ओर लेकर जाता है। यह वैसा ही जैसे
तूफान को ऊर्जा मिलती है, ठंडी हवा नीचे की ओर बैठ जाती है, फिर गर्म होकर दोबारा से ऊपर उठती है।
इस तरह की गतियों से वेव्स पैदा होती हैं, जो तारों का टिमटिमाना बनाती हैं, जिसे हम धरती पर देख पाते हैं। इसके लिए वेव्ज को आइसोलेट किया जा रहा है। ताकि तारों के इस स्पंदन को साफ तरीके से सुना जा सके। इसलिए बहुत जल्द वैज्ञानिक तारों की गुनगुनाहट भी दुनिया के सामने पेश कर सकते हैं।