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पृथ्वी (Earth) की सतह का लगभग 71 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा है। इसमें महासागरों, नदियों, झीलों का पानी शामिल है। अब एक हालिया खोज ने पृथ्वी पर पानी के नए स्रोत का पता लगाया है। अमेरिका के इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पृथ्वी की सतह के नीचे पानी के विशालकाय भंडार को खोजा है। दिलचस्प यह है कि पृथ्वी के अंदर मौजूद पानी इसकी सतह पर मौजूद पानी का तीन गुना हो सकता है। पानी के नए भंडार की खोज पृथ्वी की सतह से लगभग 700 किलोमीटर नीचे हुई है।
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रिपोर्ट के अनुसार, धरती पर पानी की उत्पत्ति का सुराग तलाशने के दौरान वैज्ञानिकों को यह जानकारी मिली। उन्होंने रिंगवूडाइट (ringwoodite) नाम के मिनरल के अंदर छुपे महासागर के बारे में मालूम हुआ।
यह रिसर्च पृथ्वी पर वॉटर साइकल को समझने के नए रास्ते खोल सकती है। दिलचस्प यह है कि जो पानी मिला है, वह धरती की सतह पर मौजूद कुल पानी से तीन गुना ज्यादा है।
क्या हैं इस खोज के मायने
इस खोज काफी महत्वपूर्ण है। बड़ी संख्या में वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि पृथ्वी पर पानी धूमकेतुओं के टकराने से आया हो सकता है। नई खोज इस बारे में सोचने पर मजबूर करती है कि पृथ्वी पर मौजूद महासागर हमारे ग्रह के अंदर से ही निकले हुए हो सकते हैं।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक स्टीवन जैकबसेन ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमें पुख्ता सबूत मिले हैं कि धरती पर पानी पृथ्वी के अंदर से आया है। अपने निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने अमेरिका में लगाए गए 2000 सीस्मोग्राफ का इस्तेमाल किया। उन्होंने पिछले 500 भूकंपों को स्टडी किया और उनकी तरंगों को परखा। भूकंप की तरंगें जब पृथ्वी के कोर से गुजरीं तो उनकी स्पीड कम हो गई। इससे पता चला कि पृथ्वी के अंदर मौजूद चट्टानों में पानी है।
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