अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने UFO की तलाश तेज कर दी है। वह जल्द एलियंस तक पहुंचना चाहती है और इसके लिए अपने सैटेलाइट्स को भी इस मिशन में लगाने की तैयारी कर रही है। नासा का कहना है कि वह अपने सैटेलाइट्स को एलियंस की खोज करने वालीं डिवाइसेज में बदलने पर विचार कर रहा है। पिछले महीने नासा ने ऐलान किया था कि वह सैकड़ों एनएक्सप्लैंड UFO देखे जाने के संबंध में एक जांच शुरू कर रही है, जो 8 महीने तक चलेगी। जांच शुरू कर चुकी टीम यह पता लगा रही है कि क्या पृथ्वी से रिपोर्ट की गई अजीब हवाई घटनाओं पर एक और दृष्टिकोण देने के लिए स्पेस में सैटेलाइट्स को फिर से तैयार किया जा सकता है।
यह अज्ञात हवाई घटनाओं यानी अनआइडेंटिफाइड एरियल फिनामनान (UAP) को लेकर हो रहे एक बड़े अध्ययन का हिस्सा है, जो इस साल के आखिर में शुरू होने वाला है।
डेली स्टार ने टेलीग्राफ के हवाले से लिखा है कि नासा के डेप्यूटिंग एडमिनिस्ट्रेटर पाम मेलरॉय ने लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी टीम इस तरह के सवालों को देखने जा रही है कि क्या हमारे पास ऐसे सेंसर हैं जो चीजों को देख सकते हैं।
उन्होंने कहा, सवाल यह भी है कि हमारे पास ढेरों सैटेलाइट्स हैं जो पृथ्वी की ओर देख रहे हैं, क्या उनमें से कोई उपयोगी है? अपनी बात को समझाते हुए उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर जाने वाले रोवर का निर्माण करने से पहले यह जरूरी यह पता लगाना है कि वहां सबसे खास चीज ढूंढने के लिए कौन से सेंसर बनाने होंगे।
पिछले महीने नासा ने UAP को स्टडी करने की अपनी योजना का खुलासा किया था। इसके तहत एजेंसी उस तकनीक को इस्तेमाल करने की योजना बना रही है, जो अंतरिक्ष में मौजूद है यानी कोई नई तकनीक इस स्टडी के लिए फिलहाल ईजाद नहीं की जाएगी। नासा की योजना फिलहाल इस बारे में ज्यादा से ज्यादा डेटा इकट्ठा करने की है।
नासा का भी यही कहना है कि UFO, UAP या एलियंस के बारे में बताने के लिए उसके पास फिलहाल कोई सबूत नहीं है। लेकिन इस पर काम करना जरूरी है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा व एयर सेफ्टी पर असर पड़ता है।