400 किलोमीटर ऊंचाई से Nasa करेगी पृथ्‍वी के वातावरण में धूल की‍ निगरानी, आज लॉन्‍च होगा मिशन

EMIT 250 मील (400 किलोमीटर) की ऊंचाई से मिनिरल डस्‍ट के सोर्सेज की मैपिंग करेगा।

विज्ञापन
प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 14 जुलाई 2022 16:15 IST
ख़ास बातें
  • EMIT को ड्रैगन स्‍पेसक्राफ्ट से स्‍पेस स्‍टेशन तक पहुंचाया जाएगा
  • इससे नासा को क्‍लाइमेट चेंज की निगरानी करने में मदद मिलेगी
  • एक बार में 80 किलोमीटर एरिया की मैपिंग करेगा ईएमआईटी

Photo Credit: स्‍पेसएक्‍स का ड्रैगन स्‍पेसक्राफ्ट IIS के लिए उड़ान भरेगा और क्रू को इक्विपमेंट की सप्‍लाई करेगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स के रॉकेट पर आज एक नया मिशन लॉन्‍च करने जा रही है। अर्थ सर्फेस मिनिरल डस्‍ट सोर्स इन्‍वेस्टिगेशन मिशन (EMIT) का मकसद पृथ्‍वी की जलवायु पर धूल के असर को देखना है। इस प्रयोग को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (IIS) से अंजाम दिया जाएगा। स्‍पेसएक्‍स का ड्रैगन स्‍पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्‍पेस सेंटर की लॉन्‍च साइट से IIS के लिए उड़ान भरेगा और क्रू को इक्विपमेंट की सप्‍लाई करेगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, ड्रैगन स्‍पेसक्राफ्ट अपने साथ 5,800 पाउंड से ज्‍यादा कार्गो ले जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकार की नासा से जुडी विभ‍िन्‍न चीजें  जैसे कि EMIT शामिल है। यह पृथ्वी के शुष्क इलाकों से मिनिरल डस्‍ट की संरचना की पहचान करेगा और रेगिस्तान के वातावरण में मौजूद धूल का विश्लेषण करके पता लगाएगा कि इसका पृथ्‍वी पर क्या प्रभाव डालता है। इससे नासा को क्‍लाइमेट चेंज की निगरानी करने में मदद मिलेगी। 

इस मिशन का मकसद मिन‍िरल्‍स की संरचना के बारे में जानना है, जिनकी वजह से हवा में धूल बनती है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ने मई में एक बयान में कहा था कि इसकी वजह से मौसम पर असर पड़ सकता है। यह हमारे ग्रह से बर्फ को पिघला सकती है। यही नहीं, धूल हमारे वायुमंडल में एक बड़ी दूरी की यात्रा भी कर सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा था कि उत्तरी अफ्रीका से चलने वाले धूल के कण दुनिया भर में हजारों मील की यात्रा कर सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन मॉडल को बेहतर ढंग से समझने के लिए शोधकर्ताओं ने धूल के मार्गों की मैपिंग में कई दशक लगाए हैं। लेकिन वह कणों की संरचना को अभी नहीं समझ सके हैं। कुल मिलाकर EMIT का मकसद यह जानना है कि धूल हमारे ग्रह को गर्म करती है या ठंडा करती है और समय के साथ यह कैसे बदलती है। यह सब जानने के लिए धूल की संरचना के बारे में और ज्‍यादा जानने की जरूरत होगी। 

EMIT को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर लगाया जाएगा। यह 250 मील (400 किलोमीटर) की ऊंचाई से मिनिरल डस्‍ट के सोर्सेज की मैपिंग करेगा। इस उपकरण में एक स्पेक्ट्रोमीटर लगा है, जो पृथ्वी से रिफ्लेक्‍ट होने वाली सूर्य की रोशनी को अलग-अलग रंगों में तोड़ता है। इससे धूल की संरचना को समझने में मदद मिलेगी। EMIT लगभग 80 किलोमीटर जमीनी एरिया को एकबार में देख सकेगा। मिशन के दौरान यह इन इलाकों में होने वाले बदलावों पर भी नजर रखेगा। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: NASA, SpaceX, earth, Dust, EMIT Mission, Science News In Hindi
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. iQOO 15 जल्द होगा लॉन्च, NBTC सर्टिफिकेशन साइट पर लिस्टिंग
  2. Samsung Galaxy S26 सीरीज में नहीं होगा Galaxy S26 Pro मॉडल, लीक में दावा
#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO 15 जल्द होगा लॉन्च, NBTC सर्टिफिकेशन साइट पर लिस्टिंग
  2. Motorola G67 Power 5G जल्द होगा लॉन्च, Geekbench पर हुई लिस्टिंग
  3. इंतजार खत्म! 2026 में अंतरिक्ष की सैर, दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस स्टेशन Haven-1 होगा शुरू
  4. Samsung Galaxy S26 सीरीज में नहीं होगा Galaxy S26 Pro मॉडल, लीक में दावा
  5. Realme GT 8 Pro स्पेसिफिकेशंस फिर लीक, धांसू फीचर्स का खुलासा! 21 अक्टूबर को है लॉन्च
  6. Vivo का नया OriginOS 6 सॉफ्टवेयर अब भारत में! इन स्मार्टफोन्स को मिलेगा सबसे पहले अपडेट
  7. फोन में रखेंगे यह ऐप तो नहीं कटेगा ट्रैफिक चालान, जानें कैसे
  8. Huawei का नया फोल्डेबल फोन Nova Flip S लॉन्च, 50MP कैमरा, 4400mAh बैटरी जैसे फीचर्स, जानें कीमत
  9. Nubia Red Magic 11 Pro सीरीज हुई लॉन्च: इसका एयर + लिक्विड कूलिंग का कॉम्बो गेमर्स को चौंका देगा! जानें कीमत
  10. JioFinance लेकर आया ‘Jio Gold 24K Days’ ऑफर – डिजिटल गोल्ड खरीदने पर मिलेगा 2% एक्स्ट्रा गोल्ड और लाखों के इनाम
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.