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बचपन में कैसा था हमारा सूर्य? Nasa के जेम्‍स वेब ने 1000 प्रकाश वर्ष दूर झांककर खोजा जवाब

JWST Baby Star : जब भी कोई तारा अपनी शुरुआती अवस्‍था में होता है, तो वह वैसा बिलकुल नहीं दिखाई देता जैसी उम्‍मीद की जाती है।

बचपन में कैसा था हमारा सूर्य? Nasa के जेम्‍स वेब ने 1000 प्रकाश वर्ष दूर झांककर खोजा जवाब

Photo Credit: Nasa

जेम्‍स वेब ने जिस नवजात तारे को खोजा है, उसे HH 211 के तौर पर कैटिगराइज किया गया है।

ख़ास बातें
  • जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने खोजा नया बेबी स्‍टार
  • अभी यह हमारे सूर्य के द्रव्‍यमान का 8 फीसदी है
  • एक दिन यह हमारे सूर्य की तरह ही होगा
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Nasa के जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप (JWST) ने बड़ी कामयाबी दर्ज करते हुए एक ऐसे स्‍टार को खोज निकाला है, जो बहुत दूर स्थित है और एक दिन बड़ा होकर हमारे सूर्य की तरह हो सकता है। इसका मतलब है कि यह हमें बता सकता है कि हमारा सूर्य अपने शुरुआती दौर में कैसा रहा होगा। साल 2021 के आखिर में इस टेलीस्‍कोप को लॉन्‍च किया गया था। पिछले साल जुलाई में जेम्‍स वेब ने काम करना शुरू किया। तब से अबतक यह सुदूर ब्रह्मांड की कई अनदेखी तस्‍वीरों से दुनिया को रू-ब-रू करवा चुका है। 

इसकी हालिया तस्‍वीर की बात करें, तो JWST ने पृथ्‍वी से लगभग 1 हजार प्रकाश वर्ष दूर स्थित पर्सियस तारामंडल (Perseus constellation) में स्थित एक नवजात तारे को खोजा है। इसे प्रोटोस्टार के रूप में जाना जाता है। यह एकदम शुरुआती फेज में है फ‍िर भी 1 लाख वर्ष पुराना हो सकता है। 

रिपोर्ट कहती है कि जब भी कोई तारा अपनी शुरुआती अवस्‍था में होता है, तो वह वैसा बिलकुल नहीं दिखाई देता जैसी उम्‍मीद की जाती है। हमारा सूर्य जोकि एक चमकीला और धधकता हुआ आग का गोला है, उसके मुकाबले एक नवजात तारा अंधेरे में किसी खाली जगह जैसा नजर आता है। 

जेम्‍स वेब ने जिस नवजात तारे को खोजा है, उसे HH 211 के तौर पर कैटिगराइज किया गया है। तस्‍वीर में इसे नीले और गुलाबी रंगों में देखा जा सकता है। ये सभी गैसे हैं, जो नवजात तारे से निकल रही हैं। धीरे-धीरे ये गैसें तारे से खत्‍म होने लगेंगी और वह खुद चमकना शुरू कर देगा। नासा का कहना है कि मौजूदा वक्‍त में इस तारे का द्रव्‍यमान हमारे सूर्य का सिर्फ 8 फीसदी है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, यह हमारे सूर्य की तरह ही एक विशाल तारे में बदल जाएगा।  

गौरतलब है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप अंतरिक्ष में तैनात सबसे बड़ी ऑब्‍जर्वेट्री है। इसे नासा और कनाडाई स्‍पेस एजेंसी ने मिलकर तैयार किया है। 
 
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