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Marsquake : 6 घंटों तक मंगल ग्रह को दहलाने वाला भूकंप कैसे आया? वैज्ञानिकों ने लगाया पता

Marsquake : मंगल ग्रह पर 4.7 तीव्रता के भूकंप का असर 6 घंटों तक रहा था। यह किसी भी ग्रह पर आया सबसे पावरफुल और लंबा भूकंप था।

Marsquake : 6 घंटों तक मंगल ग्रह को दहलाने वाला भूकंप कैसे आया? वैज्ञानिकों ने लगाया पता

नवंबर 2018 में मंगल ग्रह पर लैंड करने के बाद इनसाइट लैंडर ने वहां 1,300 से ज्‍यादा भूकंपों को रिकॉर्ड किया है।

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर पिछले साल आया था भूकंप
  • वैज्ञानिक इसकी वजहों को तलाश रहे थे
  • इसकी वजह टेक्‍टोनिक फोर्सेज को बताया जाता है
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मंगल ग्रह पर भी भूकंप आते हैं। पिछली रिपोर्टों में यह जानकारी सामने आ चुकी है। अब वैज्ञानिकों ने बताया है कि मंगल ग्रह पर रिकॉर्ड हुआ अबतक का सबसे शक्तिशाली भूकंप किसी एस्‍टरॉयड के टकराने से नहीं, बल्कि ग्रह के अंदर टेक्‍टोनिक फोर्सेज का नतीजा था। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में पब्लिश में हुए पेपर में कहा गया है कि मंगल ग्रह भूकंप के लिहाज से बहुत ज्‍यादा एक्टिव है। गौरतलब है कि मंगल पर पिछले साल 4 मई को 4.7 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। इनसाइट लैंडर ने इसे रिकॉर्ड किया था और यह साल 2021 में आए 4.2 तीव्रता के भूकंप से 5 गुना ताकतवर था। 

मंगल ग्रह पर 4.7 तीव्रता के भूकंप का असर 6 घंटों तक रहा था। यह किसी भी ग्रह पर आया सबसे पावरफुल और लंबा भूकंप था। स्‍पेसडॉटकॉम के अनुसार, नवंबर 2018 में मंगल ग्रह पर लैंड करने के बाद इनसाइट लैंडर ने वहां  1,300 से ज्‍यादा भूकंपों को रिकॉर्ड किया है। उनमें से करीब 8 भूकंप एस्‍टरॉयड की वजह से आए थे। 

वहीं, मई 2022 में जो भूकंप रिकॉर्ड किया गया, वह भी एस्‍टरॉयड अटैक की संभावना लग रहा  था, लेकिन जब मामले की जांच की गई, तो ऐसा नहीं पाया गया। अगर वह भूकंप एस्‍टरॉयड के कारण आया होता, तो मंगल ग्रह पर एस्‍टरॉयड की टक्‍कर से गड्ढा बन जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

भारत, चीन, यूरोप और यूएई के ऑर्बिटर्स ने गड्ढे को तलाशा, पर वह नहीं मिला। कई महीनों की खोज के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भूकंप की वजह टेक्टोनिक गड़बड़ी थी। रिसर्चर्स यह समझना चाह रहे हैं कि मंगल ग्रह के कुछ इलाकों में ग्रह के दूसरे इलाकों से ज्‍यादा स्‍ट्रेस क्‍यों है। यह खोज वैज्ञानिकों को तय करने में मदद करेगी कि भविष्‍य में मंगल ग्रह के कौन से इलाकों में इंसानों की बसावट हो सकती है। 
 
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