• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Floating Planets : अंतरिक्ष में मिले ऐसे ‘ग्रह’, जो किसी तारे का चक्‍कर नहीं लगाते, साइंटिस्‍ट हैरान!

Floating Planets : अंतरिक्ष में मिले ऐसे ‘ग्रह’, जो किसी तारे का चक्‍कर नहीं लगाते, साइंटिस्‍ट हैरान!

Floating Planets : इन ऑब्‍जेक्‍ट्स को जुपिटर मास बाइनरी ऑब्जेक्ट या ''JuMBOs'' नाम दिया गया है।

Floating Planets : अंतरिक्ष में मिले ऐसे ‘ग्रह’, जो किसी तारे का चक्‍कर नहीं लगाते, साइंटिस्‍ट हैरान!

Photo Credit: ESA

ओरियन नेबुला का सर्वे करते हुए जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने ऐसे लगभग 40 जोड़ों की पहचान की।

ख़ास बातें
  • जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप की नई खोज
  • ग्रह जैसे ऑब्‍जेक्‍ट्स मिले, लेकिन नहीं लगाते किसी तारे का चक्‍कर
  • जुपिटर मास बाइनरी ऑब्जेक्ट नाम दिया गया
विज्ञापन
अबतक हम यही पढ़ते आए हैं कि हर ग्रह अपने तारे की परिक्रमा करता है। हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं। लेकिन एक खोज नए सबूत पेश कर रही है। अंतरिक्ष में तैनात अबतक की सबसे बड़ी दूरबीन जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप (James Webb Space Telescope (JWST) ने बृहस्‍पति के आकार के ‘ग्रहों' को देखा है। ये ऑब्‍जेक्‍ट स्‍वतंत्र तरीके से अंतरिक्ष में तैर रहे हैं और किसी भी तारे से जुड़े नहीं हैं। इन ऑब्‍जेक्‍ट्स को जुपिटर मास बाइनरी ऑब्जेक्ट या ''JuMBOs'' नाम दिया गया है।

ओरियन नेबुला का सर्वे करते हुए जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने ऐसे लगभग 40 जोड़ों की पहचान की। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ये ऑब्‍जेक्‍ट्स तारा बनने के लिए बहुत छोटे हैं। साथ ही एक ग्रह की जो परिभाषा है, उसे भी चुनौती दे रहे हैं। यह अपने तारे की कक्षा में नहीं हैं। ना ही किसी तारे की परिक्रमा करते हैं। इन खोजों ने वैज्ञानिकों को हैरानी में डाला है। वैज्ञानिक समझना चाहते हैं कि आखिर ये क्‍या चीज हैं। 

यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ईएसए) ने इन ऑब्‍जेक्‍ट्स के बनने को लेकर 2 संभावित तर्क दिए हैं। पहला तर्क है कि ये ऑब्‍जेक्‍ट नेबुला में उन इलाकों में डेवलप हुए, जहां मौजूद मटीरियल एक तारे के निर्माण के लिए नाकाफी था। 

दूसरी संभावना है कि ये ऑब्‍जेक्‍ट बने तो तारों के चारों ओर थे, लेकिन तारों की गुरुत्‍वाकर्षण ने उन्‍हें खुद से दूर कर दिया। फ‍िलहाल वैज्ञानिकों के पास इन ऑब्‍जेक्‍ट्स को लेकर कोई साफ जवाब नहीं है। वह खुद भी नहीं समझ पा रहे कि ये ऑब्‍जेक्‍ट अंतरिक्ष में क्‍यों तैर रहे हैं। वो किसी तारे की परिक्रमा क्‍यों नहीं करते। 

बात करें जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप की, तो करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनी इस स्‍पेस ऑब्‍जर्वेट्री को साल 2021 में लॉन्‍च किया गया था। पिछले साल जुलाई से इसने अंतरिक्ष में अपना काम शुरू किया और तब से अबतक कई नई जानकारियां वैज्ञानिकों को इस टेलीस्‍कोप ने दी हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung के Galaxy Z Flip FE में हो सकता है Exynos 2400 चिपसेट
  2. मलेशिया में गैर कानूनी क्रिप्टो माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की चोरी 300 प्रतिशत बढ़ी
  3. Apple के iPhone की 20वीं एनिवर्सरी पर पेश हो सकता है फोल्डेबल iPhone, स्मार्ट ग्लासेज
  4. Mercedes-AMG ला रही है लगभग 1000 bhp वाली सुपर EV, टीजर में दिखा दमदार लुक
  5. iPhone फैंस के लिए बुरी खबर! बढ़ सकते हैं दाम, वजह ट्रंप टैरिफ नहीं, बल्कि कुछ और...
  6. Honor 400 सीरीज में मिलेगा मजेदार AI फीचर, फोटो बन जाएगा वीडियो!
  7. Vivo का V50 Elite Edition जल्द होगा भारत में लॉन्च, मिल सकता है सर्कुलर कैमरा मॉड्यूल
  8. Airtel Black ने 399 रुपये वाले प्लान में किया बदलाव, IPTV सर्विस के साथ मौजूदा ब्रॉडबैंड और DTH लाभ मिलेंगे
  9. BenQ ने भारत में लॉन्च किए 2 प्रीमियम Android TV-पावर्ड प्रोजेक्टर, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  10. Truecaller ने बेहतर SMS मैनेजमेंट के लिए AI बेस्ड मैसेज आईडी की पेश
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »