गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट अगले वर्ष फरवरी में भरेगी उड़ान

अगले वर्ष के अंत में पहली अनमैन्ड स्पेस फ्लाइट लॉन्च करने से पहले ISRO ने 17 विभिन्न टेस्ट करने की योजना बनाई है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 28 अक्टूबर 2022 15:04 IST
ख़ास बातें
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार वर्ष पहले गगनयान मिशन की घोषणा की थी
  • इस मिशन में कोरोना के कारण देरी हुई है
  • इसरो के वैज्ञानिकों ने क्रू मॉड्यूल का डिजाइन पूरा कर लिया है

इस मिशन में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स 2025 की शुरुआत में पहली स्पेस फ्लाइट पर जा सकते हैं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) देश के पहले ह्युमन स्पेस फ्लाइट मिशन के लिए अगले वर्ष फरवरी से टेस्ट फ्लाइट्स शुरू करेगा। अगले वर्ष के अंत में पहली अनमैन्ड स्पेस फ्लाइट लॉन्च करने से पहले ISRO ने 17 विभिन्न टेस्ट करने की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार वर्ष पहले देश के स्वतंत्र होने की 75 वर्ष पूरे होने पर गगनयान मिशन की घोषणा की थी। 

ISRO के ह्युमन स्पेस फ्लाइट सेंटर के डायरेक्टर, R Umamaheshwaran ने इंडिया स्पेस कांग्रेस में अपने संबोधन में बताया कि ISRO की योजना क्रू मॉड्यूल की टेस्टिंग के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर और C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करने की भी है। उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने एनवायरमेंट कंट्रोल सिस्टम का डिजाइन पूरा कर लिया है। इससे धरती की परिक्रमा करने पर क्रू सर्विस मॉड्यूल में एस्ट्रोनॉट्स के लिए रहने की बेहतर स्थितियों को सुनिश्चित किया जाएगा। उनका कहना था कि क्रू मॉड्यूल और एनवायरमेंट कंट्रोल सिस्टम को डिजाइन करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि एस्ट्रोनॉट्स को री-एंट्री के दौरान भी सुविधाजनक महसूस होना चाहिए। 

उन्होंने बताया, "एस्ट्रोनॉट्स के बैठने और फ्लाई करने की जगह क्रू मॉड्यूल का डिजाइन पूरा हो गया है और इसका फैब्रिकेशन वर्क किया जा रहा है। छह महीने में हमें क्रू मॉड्यूल मिल जाएगा।" इस मिशन में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में पहली स्पेस फ्लाइट पर जा सकते हैं। 

हाल ही में ISRO की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से OneWeb के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स का सफल लॉन्च किया है। लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट कम्युनिकेशंस फर्म OneWeb में भारती ग्लोबल सबसे बड़ी इनवेस्टर है। यह ISRO और NSIL के लिए बड़े कमर्शियल ऑर्डर्स में से एक है। यह ऐसा पहला ऑर्डर है कि जिसमें LVM3 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। OneWeb ने बताया कि वह अगले वर्ष तक पूरे देश में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। OneWeb के लिए यह 14वां और इस वर्ष का दूसरा लॉन्च है। इसके साथ ही फर्म के सैटेलाइट्स की कुल संख्या 462 हो गई है। यह इसकी 648 लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट रखने की योजना का 70 प्रतिशत से अधिक है।  
 
 

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ये भी पढ़े: Space, Gaganyan, Test, crew, Safety, Module, ISRO, Flight, Mission, spacecraft, Design

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