इसरो ने दिखाई चंद्रयान-3 मिशन की झलक, अगस्‍त में हो सकता है लॉन्‍च

यह एक लैंडर-स्‍पेसिफ‍िक मिशन है, जिसमें कोई ऑर्बिटर नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्‍योंकि चंद्रयान -2 का पहला ऑर्बिटर सही तरीके से काम कर रहा है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 27 अप्रैल 2022 14:25 IST
ख़ास बातें
  • एक डॉक्‍युमेंट्री के जरिए इसरो ने अपकमिंग मिशन को दिखाया है
  • 'स्पेस ऑन व्हील्स' नाम की डॉक्‍युमेंट्री तैयार की गई है
  • इसमें इसरो की 75 उपलब्‍धि‍यों के बारे में बताया गया है

चंद्रयान-3 मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चंद्रमा पर उतरने की इसरों की दूसरी कोशिश होगा

Photo Credit: Video Grab

इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (Isro) ने चंद्रमा पर जाने वाले देश के तीसरे अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की पहली झलक दिखाई है। इस साल अगस्‍त में इसका लॉन्‍च अनुमानित है और अभी असेंबलिंग का काम चल रहा है। एक डॉक्‍युमेंट्री के जरिए इसरो ने अपकमिंग मिशन को दिखाया है। 'स्पेस ऑन व्हील्स' नाम की डॉक्‍युमेंट्री को इसरो की वेबसाइट पर पोस्‍ट किया गया है। देश आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहा है, जिसके समारोह के एक हिस्‍से में इसरो ने अपनी उपलब्धियों को दर्शाया है। हाल में ही इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ यह कह चुके हैं कि ऑर्गनाइजेशन तीसरे चंद्र मिशन के प्रोपल्‍शन सिस्‍टम को टेस्‍ट कर रहा है। 

चंद्रयान-3 को साल 2020 के आखिर में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस मिशन में देरी हुई। यह एक लैंडर-स्‍पेसिफ‍िक मिशन है, जिसमें कोई ऑर्बिटर नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्‍योंकि चंद्रयान -2 का पहला ऑर्बिटर सही तरीके से काम कर रहा है। चंद्रयान-3 मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चंद्रमा पर उतरने की इसरों की दूसरी कोशिश होगा और इंटरप्लेनेटरी मिशन की राह को बेहतर बनाएगा। 

इसरो ने चंद्रयान -2 मिशन को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया था, लेकिन वह ज्‍यादा कामयाब नहीं हुआ। लैंडर के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से ऐसा हुआ था। हालांकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर 20 अगस्त 2019 से चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर ऊंचाई पर उसके चारों ओर चक्कर लगा रहा है और चंद्रमा के सतह की तस्‍वीरें ले रहा है। वह चंद्रमा से जुड़ा डेटा भी इसरो को भेज रहा है। पिछले साल इसने चंद्रमा की 9,000 से अधिक परिक्रमा पूरी कर ली थीं। इसरो को उम्‍मीद है कि इस ऑर्बिटर से अगले कुछ साल तक उसे अच्‍छा डेटा मिल सकेगा।  

बहरहाल, इसरो ने अपनी डॉक्‍युमेंट्री में चंद्रयान -3 के लैंडर को दिखाया गया है। यह चंद्रमा पर उतरने की भारत की दूसरी कोशिश होगा। इसरो ने डॉक्‍युमेंट्री में भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान, वीनस ऑर्बिटर मिशन और भारत-अमेरिका के जॉइंट प्रोजेक्‍ट निसार मिशन पर चल रहे काम को भी दिखाया है। इसरो की साख पूरी दुनिया में है। साल 2020 में इसने एक रॉकेट से 104 सैटेलाइट लॉन्‍च करके रिकॉर्ड बनाया था। 
 
 

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