भारतीय स्पेस एजेंसी
इसरो (ISRO) के PSLV रॉकेट ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के ‘प्रोबा-3' (PROBA-3) सैटेलाइट्स को लेकर सफल उड़ान भर ली है। यह लॉन्च अब से थोड़ी देर पहले आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से किया गया है। इससे पहले बुधवार को आखिरी समय में लॉन्च कैंसल कर दिया गया था। स्पेसक्राफ्ट में मिली एक ‘‘विसंगति'' के कारण लॉन्च को टाला गया था। इसरो ने एक्स पर बताया है कि
PSLV-C59/PROBA-3 मिशन ने अपने लॉन्च मकसद को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। रॉकेट ने ESA के सैटेलाइट्स को सटीकता के साथ उनकी तय कक्षा में पहुंचा दिया है।
What is Proba-3 Mission
प्रोबा-3 (Proba-3) दुनिया का पहला प्रीसिशन उड़ान मिशन है। यह सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी और सबसे गर्म परत, कोरोना को स्टडी करेगा। ऐसा पहली बार होगा कि सूर्य को इतने नजदीक से देखा जा सकेगा। इस मिशन के माध्यम से सूर्य के बारे में नई खोजें की जा सकेंगी। सूर्य की सतह पर क्या हो रहा है यह बेहद नजदीक से जांचा-परखा जा सकेगा। इसके साथ ही सौर-तूफानों की उत्पत्ति और इनकी मूवमेंट के बारे में भी बेहतर तरीके से जाना जा सकेगा।
What is PSLV-C59 Vehicle
PSLV एक लॉन्च वीकल है, जिसका काम अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स और अन्य पेलोड्स को पहुंचाना है। इसकी सबसे पहली सफल उड़ान साल 1994 में हुई थी। मौजूदा PSLV-C59 कुल 320 टन की कैपिसिटी को उठा सकता है। बृहस्पतिवार को इसने करीब 550 किलो के सैटेलाइट्स को लेकर उड़ान भरी, जो PSLV की 61वीं फ्लाइट थी और PSLV-XL कॉन्फिगरेशन के साथ 26वीं उड़ान थी। इस तरह की फ्लाइट में सैटेलाइट्स को ले जाने के लिए एक सेट शामिल होता है।
दो अंतरिक्ष यान ने भरी उड़ान
रिपोर्टों के अनुसार, इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान शामिल हैं। इनके नाम- कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट (सीएससी) और ऑकुल्टर स्पेसक्राफ्ट (ओएससी) हैं। इन्हें ‘स्टैक्ड कॉन्फिगरेशन' (एक के ऊपर एक) में लॉन्च किया गया।
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