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क्‍या टाइम ट्रैवल मुमकिन है? फ‍िजिक्‍स स्‍टूडेंट की पुरानी रिसर्च हो रही वायरल

Time Travel : उन्‍होंने दावा किया कि टाइम ट्रैवल किया जा सकता है।

क्‍या टाइम ट्रैवल मुमकिन है? फ‍िजिक्‍स स्‍टूडेंट की पुरानी रिसर्च हो रही वायरल

टाइम ट्रैवल हॉलीवुड फ‍िल्‍मों में तो आसान लगता है। लेकिन इंसान को समय में पीछे ले जाना या समय से आगे ले जाना फ‍िलहाल की परिस्‍थ‍ितियों में नामुमकिन दिखता है।

ख़ास बातें
  • टाइम ट्रैवल पर 2020 में की गई थी रिसर्च
  • यह रिसर्च अब वायरल हो रही
  • स्‍टूडेंट का दावा, टाइम ट्रैवल किया जा सकता है
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टाइम ट्रैवल (Time travel) एक ऐसा कॉन्‍सेप्‍ट है, जिसने वैज्ञानिकों को हमेशा से उत्‍साहित किया है। तमाम हॉलीवुड फ‍िल्‍मों में हीरो को टाइम ट्रैवल करता देख आम लोग भी इस कॉन्‍सेप्‍ट से फ्रेंडली हैं। हालांकि हकीकत में अभी तक ऐसा कुछ भी मुमकिन नहीं है। साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के फ‍िज‍िक्‍स के स्‍टूडेंट जर्मेन टोबार ने टाइम ट्रैवल को संभव बनाने के तरीकों पर काम किया। उन्‍होंने जो तर्क दिया था, वह एक बार फ‍िर वायरल हो रहा है। 

साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मेन टोबार की हाइपोथिसेस कहती है कि क्‍लासिकल डायनैमिक्‍स में अगर आप किसी पर्टिकुलर टाइम में उस सिस्‍टम की स्थिति को जानते हैं, तो वह हमें उस पूरे सिस्‍टम का इतिहास बता सकती है। 

हालांकि कई सिद्धांत यह कहते हैं कि टाइम ट्रैवल मुमकिन नहीं है। उदाहरण के लिए, ब्रह्माण्ड के ऊष्मागतिकीय सिद्धांत (thermodynamic theory) के हिसाब से यह असंभव हो सकता है। वहीं, ऊष्मागतिकी का दूसरा सिद्धांत कहता है कि ब्रह्मांड में चीजें समय के साथ या तो एक सी रह सकती हैं या बर्बाद हाे सकती हैं। समय आगे की दिशा में ही बढ़ता है, पीछे नहीं जा सकता। 

जर्मेन टोबार ने डॉ. फैबियो कोस्टा की देखरेख में काम किया। उन्‍होंने दावा किया कि टाइम ट्रैवल किया जा सकता है। यह रिसर्च क्लासिकल एंड क्वांटम ग्रेविटी में प्रकाशित हुई थी। हालांकि यह स‍िर्फ परिकल्‍पना है। टाइम ट्रैवल असल में मुमकिन कैसे होगा, इस पर वैज्ञानिक अभी कुछ सोच नहीं पाए हैं। 

टाइम ट्रैवल हॉलीवुड फ‍िल्‍मों में तो आसान लगता है। लेकिन इंसान को समय में  पीछे ले जाना या समय से आगे ले जाना फ‍िलहाल की परिस्‍थ‍ितियों में नामुमकिन दिखता है। जर्मेन टोबार की परिकल्‍पना इसका एक हिस्‍सा है। उनकी रिसर्च इस मायने में महत्‍वपूर्ण हो सकती है कि भविष्‍य में होने वाली रिसर्चों को सहयोग कर सके। 
 
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