भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S तीन छोटे उपग्रहों को साथ लेकर शुक्रवार, 18 नवंबर को उड़ान भरने के लिए तैयार है। प्रक्षेपण का समय सुबह 11.30 बजे तय किया दया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि रॉकेट के प्रक्षेपित होने से तीन घंटे पहले उलटी गिनती शुरू होगी। इसके अलावा, सिंगल-स्टेज रॉकेट ठोस ईंधन पर चलेगा, जिससे उलटी गिनती का समय भी कम हो गया है।
TOI के
अनुसार, Vikram-S तीन छोटे उपग्रहों को साथ लेकर शुक्रवार, 18 नवंबर को सुबह 11:30 मिनट पर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रिपोर्ट कहती है कि एक समाचार एजेंसी को ISRO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "रॉकेट के प्रक्षेपित होने से तीन घंटे पहले उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। रॉकेट के शुक्रवार सुबह 11.30 बजे लॉन्च होने की उम्मीद है। उलटी गिनती का समय कम है, क्योंकि यह एक छोटा रॉकेट है।"
इसके अलावा, अधिकारी द्वारा यह भी बताया गया है कि सिंगल-स्टेज रॉकेट ठोस ईंधन से संचालित होता है, जिसने उलटी गिनती के समय को भी कम कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि रॉकेट श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह पर इसरो के साउंडिंग रॉकेट लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा।
इसी के साथ, स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) रॉकेट विकसित करने और उड़ाने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बनने जा रही है। हैदराबाद स्थित रॉकेट स्टार्टअप की स्थापना जून 2018 में पवन कुमार चंदना और नागा भारत डाक द्वारा की गई थी। अब तक, कंपनी ने 526 करोड़ रुपये जुटाए हैं और इसमें लगभग 200 कर्मचारी हैं।
वहीं, रॉकेट की बात करें, तो Vikram-S का वजन 545 किलोग्राम है और यह 6 मीटर लंबा रॉकेट है। यह अपनी पहली उड़ान में स्पेस किड्ज इंडिया, बाजूमक आर्मेनिया और एन-स्पेस टेक इंडिया के तीन सैटेलाइट्स को ले जाएगा।
ISRO के अनुसार, लिफ्टऑफ के बाद 25 सेकंड में और 17.9 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट का इंजन जलेगा और 81.5 किमी की ऊंचाई पर यह अपना पेलोड निकालेगा।