भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक स्पेस मिशन के बाद धरती पर हुई वापसी, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

इस मिशन के क्रू में शुक्ला के अलावा अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 15 जुलाई 2025 16:40 IST
ख़ास बातें
  • ISS पर इस मिशन के क्रू ने दो सप्ताह से अधिक बिताए हैं
  • भारत ने इस मिशन के लिए लगभग सात करोड़ डॉलर की कॉस्ट चुकाई है
  • इस मिशन के क्रू ने ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स किए हैं

भारत ने इस मिशन के लिए लगभग सात करोड़ डॉलर की कॉस्ट चुकाई है

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर दो सप्ताह से अधिक बिताने के बाद भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla की मंगलवार को धरती पर वापसी हो गई। ISS का विजिट करने वाले वह पहले भारतीय हैं। हालांकि, विंग कमांडर  Rakesh Sharma के बाद स्पेस में जाने वाले वह देश के दूसरे व्यक्ति हैं। 

Axiom-4 मिशन के क्रू के सदस्यों के साथ SpaceX का क्रू कैप्सूल Grace अमेरिका में कैलिफोर्निया के तट पर सैन डिएगो के निकट दोपहर 3 pm (भारतीय समय के अनुसार) उतरा है। इस क्रू कैप्सूल को धरती पर वापसी में लगभग 22.5 घंटे लगे हैं। इस मिशन के क्रू में शुक्ला के अलावा अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने ग्रुप कैप्शन शुक्ला का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में कहा, "ग्रुप कैप्शन शुभांशु शुक्ला की स्पेस में उनके ऐतिहासिक मिशन से धरती पर वापसी पर उनका देश के साथ मिलकर मैं स्वागत करता हूं। यह हमारे ह्युमन स्पेस फ्लाइट मिशन - Gaganyaan की दिशा में एक अन्य मील का पत्थर है।" 

स्पेस एक्सप्लोरेशन से जुड़ी अमेरिकी कंपनी Axiom Space ने कहा कि यह एक वैज्ञानिक सफलता के साथ ही भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। चार दशक से अधिक में यह पहली बार है कि जब इन देशों ने अपने एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजा है और यह पहली बार है कि जब इन देशों के एस्ट्रोनॉट्स ने ISS पर रहने के साथ ही कार्य भी किया है। भारत ने इस मिशन के लिए लगभग सात करोड़ डॉलर की कॉस्ट चुकाई है। 

इस मिशन के क्रू ने ISS पर कई एक्सपेरिमेंट्स किए हैं। इनमें से सात एक्सपेरिमेंट्स की अगुवाई शुक्ला ने की थी। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया था। इस मिशन से भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO को गगनयान की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं। ग्रुप कैप्शन शुक्ला और क्रू के अन्य सदस्य धरती पर ग्रेविटी के साथ खुद को एडजस्ट करने के लिए लगभग एक सप्ताह तक मेडिकल रिहैबिलिटेशन में रहेंगे। यह क्रू अपने साथ महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा लाया है। 

 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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