• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • चंद्रमा पर कैसे बनेगी रोड? वैज्ञानिकों ने तैयार किया ‘प्‍लान’, आप भी जानें

चंद्रमा पर कैसे बनेगी रोड? वैज्ञानिकों ने तैयार किया ‘प्‍लान’, आप भी जानें

Roads on Moon : इस काम को विशाल लेंसों की मदद से किया जा सकता है, जो सूर्य की रोशनी का इस्‍तेमाल करेंगे।

चंद्रमा पर कैसे बनेगी रोड? वैज्ञानिकों ने तैयार किया ‘प्‍लान’, आप भी जानें

चंद्रमा पर पक्‍की सड़कें बनाकर रोवर्स को नुकसान से बचाया जा सकता है।

ख़ास बातें
  • चंद्रमा पर कैसे बने सड़क, वैज्ञानिकों ने किया प्रयोग
  • चंद्रमा की धूूल हो सकती है मददगार
  • हालांकि इसकी गुुणवत्ता को परखा जाना अभी बाकी है
विज्ञापन
दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियों की निगाह अब चंद्रमा पर है। तमाम देश चांद पर मिशन भेजकर उसे एक्‍सप्‍लोर करना चाहते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की योजना साल 2040 तक चंद्रमा पर कंस्‍ट्रक्‍शन शुरू करते हुए घर बनाने की है। वैज्ञानिकों के एक समूह ने जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में कुछ नए निष्‍कर्ष दिए हैं। उनका मानना है कि चंद्रमा की धूल को वहां पक्‍की सड़कों और लैंडिंग पैड बनाने में इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इस काम को विशाल लेंसों की मदद से किया जा सकता है, जो सूर्य की रोशनी का इस्‍तेमाल करेंगे।    

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमा पर मौजूद धूल काफी हद तक वहां ज्वालामुखीय चट्टान से बनी है। लाखों वर्षों में यह नष्‍ट होकर पाउडर की तरह हो गई है। भले ही चंद्रमा हमें सफेद नजर आता है, लेकिन उस पर मौजूद मिट्टी भूरे रंग की है। 

क्‍योंकि चंद्रमा में हवा-पानी नहीं है, इसलिए वहां मौजूद धूल काफी धार वाली है और चंद्रमा से जुड़े मिशनों के लिए खतरा साबित हो सकती है। अगर यह सांस के साथ शरीर में चली जाए, तो अंतरिक्ष यात्रियों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह चंद्रमा पर मौजूद लैंडरों और स्‍पेससूट को भी नुकसान पहुंचा सकती है। 

चंद्रमा पर पक्‍की सड़कें बनाकर रोवर्स को नुकसान से बचाया जा सकता है। चांद पर सड़कें बनाने के लिए वैज्ञानिक वहां मौजूद रिसोर्सेज का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करना चाहते हैं। वैज्ञानिकों ने पृथ्‍वी पर इससे जुड़ा एक प्रयोग पूरा किया। उन्‍होंने नकली चांद की मिट्टी को स्‍लैब बनाने के लिए पिघलाकर देखा और इस काम में सूर्य की रोशनी का इस्‍तेमाल किया। 

रिसर्चर्स ने पाया कि चंद्रमा की मिट्टी से लगभग 25 सेमी चौड़ी और 2.5 मिलीमीटर मोटी टाइलें बनाई जा सकती हैं। इससे चंद्रमा की सतह पर सड़कों और लैंडिंग पैड का इस्‍तेमाल हो सकता है। इस काम में लगभग 5.7 फीट व्‍यास वाले लेंस की जरूरत होगी। हालांकि अभी रिसर्च बाकी है कि इस तरह की टाइलें कितनी मजबूत होंगी और क्‍या उन्‍हें लैंडिंग पैड में इस्‍तेमाल किया जा सकेगा। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  2. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  3. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  4. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  5. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  6. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  7. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  8. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  9. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  10. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »