पृथ्वी पर आने वाले तूफान, आंधी का शोर कई बार डराने वाला होता है। कभी सोचा है कि दूसरे ग्रहों पर चलने वाली आंधी कैसी होती होगी। हम आपसे कहें कि मंगल ग्रह पर आई एक आंधी का ऑडियो आप सुन सकते हैं, तो यकीन करेंगे? आपको करना होगा। आंधी का ऑडियो आप सुनें, उससे पहले इसके बारे में जान लेना जरूरी है। पिछले साल सितंबर महीने में नासा के मार्स पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) को घेरने वाली धूल भरी आंधी 390.4 फीट यानी करीब 119 मीटर ऊंची थी। पहली बार मंगल ग्रह से किसी धूल भरी आंधी का ऑडियो सामने आया है।
इस रिकॉर्डिंग का विश्लेषण नेचर कम्युनिकेशंस मैगजीन में
पब्लिश हुआ है। इससे नई जानकारी भी मिली है कि मंगल ग्रह पर आने वाली आंधी कैसे मूव होती है। जो ऑडियो सामने आया है, उसमें पर्सवेरेंस रोवर को प्रभावित करने वाले पार्टिकल्स का शोर सुना जा सकता है।
स्टडी के प्रमुख लेखक नाओमी मर्डोक, जोकि फ्रांस में टूलूज यूनिवर्सिटी में भौतिक विज्ञानी (physicist) हैं, उन्होंने लाइव साइंस को बताया कि यह साउंड हमें यह गिनने में मदद करता है कि उस आंधी में कितने पार्टिकल्स थे। मर्डोक ने बताया कि पहली बार मंगल ग्रह पर इस तरह का मापन (measurement) किया गया है।
गौरतलब है कि मंगल ग्रह पर मौजूद धूल का वहां के मौसम और जलवायु पर असर पड़ता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगल ग्रह की जलवायु की मॉडलिंग के लिए धूल की गतिविधियों को समझना अहम है। भविष्य में लॉन्च होने वाले मिशनों के लिए भी धूल को समझना चाहिए। गौरतलब है कि धूल के असर से पर्सवेरेंस रोवर के विंड सेंसर्स खराब हो गए हैं। वहीं, नासा का इनसाइड लैंडर भी उसके सोलर पैनलों पर धूल जमा होने के कारण अपना ऑपरेशन बंद कर रहा है।
आंधी तब चलती है, जब जमीन के पास से गर्म हवा ऊपर उठती है और घूमती है। इसके साथ धूल भी उठती है। मंगल ग्रह पर जेजेरो क्रेटर रीजन में सबसे ज्यादा धूल उड़ती है। इसी जगह पर पर्सवेरेंस रोवर अपना मिशन पूरा कर रहा है। इसने अपने आसपास करीब 91 आंधियों को कैप्चर किया है।
बीते साल 27 सितंबर को आई एक आंधी रोवर के ठीक ऊपर से होकर गुजरी थी। इससे पर्सवेरेंस को मौका मिल गया। रोवर के नेविगेशन कैमरा ने इमेजरी को कैप्चर किया, जबकि सुपरकैम माइक ने घटना की आवाज को रिकॉर्ड किया। यही आपके सामने है। वैज्ञानिकों ने पाया कि तूफान 25 मीटर चौड़ा था, जो 119 मीटर ऊंचा यानी 40 मंजिला इमारत जितना लंबा था। तूफान 19 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला और इसने40 किमी/घंटा की पीक स्पीड से पर्सवेरेंस को प्रभावित किया।