वीकेंड पर चांद पूरी तरह से अंधरे में डूबने वाला है। इस दौरान एक बड़ी खगोलीय घटना का नजारा मिलने वाला है, जो काफी समय बाद देखने को मिलेगा। रविवार की रात से सोमवार की सुबह तक 2022 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण होने जा रहा है। यह ग्रहण साउथ और नॉर्थ अमेरिका, अंटार्कटिका, यूरोप, अफ्रीका और ईस्ट पेसिफिक में दिखाई देगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण को कई बार ब्लड मून भी कहा जाता है क्योंकि ग्रहण के चरम पर यह गहरे लाल रंग का दिखता है। हालांकि, भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण तब होता है, जब सूरज, धरती और चांद एक सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में चांद को धरती की छाया से गुजरना होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चांद धरती की छाया के सबसे अंधेरे हिस्से में चला जाता है जिसे अम्ब्रा कहा जाता है।
यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इच्छुक लोग नासा पर इसका लाइवस्ट्रीम देख सकते हैं। इसका समय 15 मई रात 11 बजे ET से 16 मई रात 12 बजे ET तक रहेगा। भारतीय समयानुसार यह सोमवार के सुबह 8.33 बजे का समय होगा। स्पेस एजेंसी इसका लाइव स्ट्रीम दिखाएगी और एक्सपर्ट्स इसके बढ़ने की प्रक्रिया पर कमेंट्री भी करेंगे।
ग्रहण पांच घंटों से भी ज्यादा समय तक रहेगा। यह रविवार के दिन 9.32pm ET (सोमवार 7:02am IST) से शुरू होगा और सोमवार के दिन 2:50am EDT (सोमवार 12:20pm IST) पर खत्म होगा।
ग्रहण पूर्णता के क्षणों में ब्लड मून दिखाएगा जिसमें कलर चमकदार नारंगी से गहरी लाल ईंट के रंग जैसा होगा। दिसंबर 1992 में भी चांद ग्रहण के दौरान पूरी तरह से आंखों से ओझल हो गया था। यह ग्रहण फिलिपिन्स में माउंट पिनाटूबो फटने के कुछ समय बाद ही लगा था। चांद की छाया, जो कि 4 (चमकदार) से 0 (काली) रेंज में होती है, Danjon स्केल के माध्यम से मापी जाती है।