• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 19 साल से मंगल ग्र‍ह पर खोज कर रहे Mars Express ऑर्बिटर में हो रहा यह बड़ा बदलाव, जानें

19 साल से मंगल ग्र‍ह पर खोज कर रहे Mars Express ऑर्बिटर में हो रहा यह बड़ा बदलाव, जानें

मार्स एडवांस्ड रडार फॉर सबसर्फेस एंड आयनोस्फेरिक साउंडिंग (MARSIS) इंस्ट्रूमेंट को इसकी लॉन्चिंग के 19 साल बाद अपडेट मिल रहा है।

19 साल से मंगल ग्र‍ह पर खोज कर रहे Mars Express ऑर्बिटर में हो रहा यह बड़ा बदलाव, जानें

इसके बाद यह इंस्‍ट्रूमेंट मंगल और उसके चंद्रमा फोबोस की सतहों के नीचे ज्‍यादा विस्‍तार से देख पाएगा।

ख़ास बातें
  • इसे एक सॉफ्टवेयर अपडेट मिल रहा है
  • इसके बाद MARSIS इंस्‍ट्रूमेंट और बेहतर काम करेगा
  • यह ESA का मंगल ग्रह पर पहला मिशन था
विज्ञापन
वैज्ञानिक मिशनों को समय-समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट की जरूरत होती है, खासकर जब वो मंगल जैसे ग्रह को टटोलने के लिए निकले हों। लेकिन एक मिशन ऐसा भी है, जिसे उसकी लॉन्चिंग के 19 साल बाद अपडेट मिल रहा है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा शुरू किए गए मार्स एक्सप्रेस प्रोजेक्‍ट (Mars Express project) को एक सॉफ्टवेयर अपडेट मिल रहा है। यह ESA के सबसे सफल मिशनों में से एक है। मार्स एडवांस्ड रडार फॉर सबसर्फेस एंड आयनोस्फेरिक साउंडिंग (MARSIS) इंस्ट्रूमेंट को इसकी लॉन्चिंग के 19 साल बाद अपडेट मिल रहा है। इसके बाद यह इंस्‍ट्रूमेंट मंगल और उसके चंद्रमा फोबोस की सतहों के नीचे ज्‍यादा विस्‍तार से देख पाएगा। MARSIS इंस्‍ट्रूमेंट मंगल पर तरल पानी के सबूत खोजने में योगदान के लिए जाना जाता है। यह ESA का मंगल ग्रह पर पहला मिशन था। 

ESA की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज में कहा गया है कि दशकों से मंगल ग्रह की अच्छी समझ हासिल करने के बाद हम इस डिवाइस की पफॉर्मेंस को बढ़ाना चाहते थे। इसी को ध्‍यान में रखते हुए ऑर्बिटर को सॉफ्टवेयर अपग्रेड दिया जा रहा है। 

MARSIS लो-फ्रीक्‍वेंसी वाली रेडियो वेव्‍स को नियोजित करता है। यह मंगल ग्रह पर पानी की खोज करने और इसके वातावरण के बारे में अधिक जानने का काम करता है। सॉफ्टवेयर अपग्रेड में कई इम्‍प्रूवमेंट्स शामिल हैं। अपग्रेड के बाद पृथ्वी पर आने वाले डेटा की क्‍वॉलिटी बेहतर होगी। 

इसे 2 जून 2003 को लॉन्‍च किया गया था। अपनी लॉन्चिंग के बाद से इस ऑर्बिटर ने मंगल ग्रह की जांच करते हुए वहां लगभग दो दशक बिताए हैं। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के इंजीनियर अब इस ऑर्बिटर के लिए विंडोज 98 अपग्रेड तैयार कर रहे हैं। इसके बाद यह तकनीकी रूप से और दक्षता हासिल करेगा।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्लो नेन्ना जो इस अपग्रेड के लिए ESA की मदद कर रहे हैं, उन्‍होंने कि हमें MARSIS की परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्‍योंकि इसके सॉफ्टवेयर को मूल रूप से 20 साल पहले डिजाइन किया गया था। विंडो 98 पर चलने की वजह से इस इंस्‍ट्रूमेंट की ऑन-बोर्ड मेमरी जल्‍दी फुल हो जाती थी। सॉफ्टवेयर अपग्रेड के बाद MARSIS का ऑन-बोर्ड स्‍टोरेज 5 गुना तक बेहतर हो सकेगा यह गैरजरूरी डेटा को हटा भी पाएगा। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Huawei Mate 80 सीरीज की जोरदार डिमांड, सात लाख यूनिट्स से ज्यादा की बिक्री
  2. Samsung Galaxy A07 5G के जल्द लॉन्च की तैयारी, Geekbench पर हुई लिस्टिंग
  3. Bitcoin में भारी गिरावट, 86,000 डॉलर से नीचे गया प्राइस
  4. AI+ NovaFlip: फोल्ड होने वाला फोन Rs 40 हजार के अंदर, जानें भारत में कब होगा लॉन्च
  5. चीन-अमेरिका की उड़ेगी नींद! भारत ने तैयार किया देश का पहला स्वदेशी 64-बिट डुअल-कोर माइक्रोप्रोसेसर
  6. Redmi K90 Ultra में हो सकती है 10,000mAh की मेगा बैटरी, स्लिम डिजाइन
  7. Realme 16 Pro सीरीज के लिए डिजाइनर Naoto Fukasawa के साथ हुआ कोलेब्रेशन, भारत के लिए होंगे 2 एक्सक्लूसिव कलर
  8. ट्रैवल कर रहे हैं तो संभल जाइए! फर्जी होटल बुकिंग वेबसाइट के जरिए हुआ बड़ा स्कैम, जानें पूरा मामला
  9. 1,000 करोड़ की ठगी और 111 फर्जी कंपनियां, कैसे CBI ने इस बड़े साइबर फ्रॉड का किया खुलासा, यहां जानें
  10. Realme Narzo 90x 5G vs Poco C85 5G vs Redmi 15C 5G: देखें कौन सा फोन है बेस्ट?
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »