Covid वायरस बिमारी ठीक होने के बाद भी होता है शरीर में मौजूद- नई स्टडी

वायरस का संक्रमण होने के बाद यह मनुष्य के शरीर में सालों साल तक बना रह सकता है।

Covid वायरस बिमारी ठीक होने के बाद भी होता है शरीर में मौजूद- नई स्टडी

Covid-19 के SARS-CoV-2 वायरस का संक्रमण होने के बाद यह मनुष्य के शरीर में सालों साल तक बना रह सकता है।

ख़ास बातें
  • यह मनुष्य की खोपड़ी और मस्तिष्क आवरण में जाकर बैठ जाता है।
  • यह ब्रेन एजिंग को तेज कर देता है।
  • व्यक्ति को सिरदर्द की शिकायत, नींद की समस्या, ब्रेन फॉग आदि हो सकता है।
विज्ञापन
Covid-19 महामारी ने दुनियाभर में भारी तबाही मचाई। करोडो़ं लोगों को इस महामारी के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। कोविड-19 के पीछे SARS-CoV-2 वायरस होता है। अब इस वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने एक नई स्टडी पेश की है। स्टडी कहती है कि वायरस का संक्रमण होने के बाद यह मनुष्य के शरीर में सालों साल तक बना रह सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह शरीर के कुछ खास हिस्सों में छुपा रहता है। 

Covid-19 का वायरस आदमी के शरीर में से बिमारी ठीक होने के बाद भी नहीं जाता है। वैज्ञानिकों ने नई स्टडी में कहा है कि यह मनुष्य की खोपड़ी और मस्तिष्क आवरण में जाकर बैठ जाता है। एक जर्मन स्टडी में इसका खुलासा किया गया है। स्टडी के अनुसार इंफेक्शन के सालों बाद भी इस वायरस का असर दिमाग पर होता रहता है। Helmholtz Munich और Ludwig-Maximilians-Universitat (LMU) के शोधकर्ताओं ने पाया कि SARS-CoV-2 का स्पाइक प्रोटीन हमारे दिमाग की सुरक्षा परत में घर कर लेता है और इंफेक्शन के लगभग 4 साल बाद तक भी यहां बना रहता है। 

शोध टीम ने पाया कि ये स्पाइक प्रोटीन प्रभावित व्यक्तियों में लम्बे समय तक रहने वाली सूजन पैदा करते हैं और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के होने का रिस्क व्यक्ति में बढ़ा सकते हैं। हेल्महोल्ट्ज़ म्यूनिख में इंटेलिजेंट बायोटेक्नोलॉजी संस्थान के निदेशक प्रो. Ali Ertürk के अनुसार, इसके लम्बे प्रभावों में तेजी से बढ़ती ब्रेन एजिंग शामिल हैं जो दिमाग के सुचारू रूप से फंक्शन करने की क्षमता को 5 से 10 साल तक कम कर देती है। 

Cell Host & Microbe जर्नल में इस स्टडी को प्रकाशित किया गया है। कोविड के इस वायरस के बॉडी में रह जाने से कुछ और लक्षण भी प्रभावित व्यक्ति में दिखते हैं। जैसे कि उसे सिरदर्द की शिकायत रहने लगती है, नींद का पैटर्न डिस्टर्ब हो सकता है, और ब्रेन फॉग (brain fog) की शिकायत भी हो सकती है जिसमें व्यक्ति को कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट हो सकती है। इसमें सुनने, समझने और पहचान करने की क्षमता पर असर पड़ता है।

कोविड से संक्रमित लगभग 5 से 10 प्रतिशत लोग 'लम्बे कोविड' के प्रभाव में रहते हैं। जिसके मुताबिक दुनिया में लगभग 40 करोड़ लोगों में स्पाइक प्रोटीन की मौजूदगी पाई जा सकती है। यहां पर अच्छी खबर यह है कि इसकी वैक्सीन दिमाग में इसके जमने की प्रक्रिया को कम कर देती है। हालांकि चूहों पर किए गए प्रयोग में यह 50 प्रतिशत तक ही कम होती पाई गई। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Study on Covid 19, latest study on covid
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Xiaomi 17, 17 Pro और 17 Pro Max होंगे इस साल सितंबर में लॉन्च, जानें सबकुछ
  2. Xiaomi ने पेश किया नया Mijia Electric Heater 2, कमरें में बढ़ा देगा 16°C तक तापमान
  3. अनलिमिटेड डाटा, 22 OTT ऐप्स, 350+ TV चैनल, मात्र 1199 रुपये में Airtel दे रहा जमकर फायदे ही फायदे
  4. Flipkart Big Billion Days Sale 2025 में iPhone 16, 14 और 13 पर डिस्काउंट आया सामने, होगी हजारों में बचत
  5. हनी ट्रैप में फंसाकर कोलकाता के कारोबारी से 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो स्कैम
  6. Oben की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल्स पर 35,000 रुपये तक के बेनेफिट्स का ऑफर
  7. iPhone 17 vs Google Pixel 10 vs Vivo X200: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  8. चीन ने यहां भी बाजी मार ली! बनाया AI हाथ जो करेगा ऑपरेशन में मदद
  9. Amazon Great Indian Festival vs Flipkart Big Billion Days Sale 2025: यहां जानिए टाइमिंग, बैंक ऑफर और डील्स
  10. India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच T-20 आज शुरू, जानें कब और कहां देखें लाइव प्रसारण
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »