पृथ्वी के नजदीक एस्टरॉयड्स (Asteroids) का आना जारी है। क्रिसमस से ठीक पहले एक अंतरिक्ष चट्टान हमारे ग्रह को ‘डराने' के मकसद से आगे बढ़ रही है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने बताया है कि स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के साइज का एक एस्टरॉयड हमारे ग्रह की ओर आ रहा है और करीब 6 लाख 86 हजार किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा। 15 दिसंबर के दिन यह पृथ्वी को पास करेगा। वैज्ञानिक इस एस्टरॉयड पर नजर रख रहे हैं, ताकि इसकी दिशा को मॉनिटर किया जा सके।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन लोगों की दिलचस्पी आसमान में होने वाली घटनाओं मे हैं, उन्हें इस एस्टरॉयड को देखने का मौका मिल सकता है। इसका नाम 2015 RN35 है। जानकारी के अनुसार, जो देश दक्षिणी गोलार्ध (southern hemisphere) में हैं, वहां रहने वाले लोग इस मिड-साइज एस्टरॉयड को बेहतर देख पाएंगे। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी बताया है कि एस्टरॉयड को यूरोप में 19 दिसंबर तक देखा जा सकेगा।
एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जिस तरह हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। एस्टरॉयड, लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं। अभी तक वैज्ञानिक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा पाए हैं।
15 दिसंबर को जो एस्टरॉयड पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला है, वह 60 से 140 मीटर व्यास का होगा। हालांकि इसे स्पॉट करने के लिए लोगों को थोड़ा मेहनत करनी होगी, क्योंकि यह ज्यादा चमकीला नहीं है। हालांकि ESA इसे क्रिसमसएस्टरॉयड कहकर प्रचारित कर रही है। उसका कहना है कि 30 सेंटीमीटर और उससे बड़े टेलीस्कोप की मदद से इस टेलिस्कोप को देखना मुमकिन हो सकता है।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि उसके पास एस्टरॉयड 2015 RN35 के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उसे नहीं पता कि यह किस चीज से बना है या कितना बड़ा है। हालांकि अच्छी बात है कि अगले 100 साल में भी इस एस्टरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है। ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है।