चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बड़ा हादसा होने से टल गया। उनकी जान भी जा सकती थी। हुआ यूं कि चीन के शेनझोउ 16 (Shenzhou 16) दल के एस्ट्रोनॉट जिस रिटर्न कैप्सूल के पैराशूट में सवार होकर पृथ्वी पर आ रहे थे, उसमें छेद हो गया। इसके बावजूद सभी सुरक्षित तरीके से लैंड कर गए। यह दल करीब 5 महीने अंतरिक्ष में बिताकर पृथ्वी पर लौट रहा था। सभी तियांगोंग स्पेस स्टेशन से धरती पर आ रहे थे। खास यह है कि चीन का सरकारी मीडिया एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट कर रहा था।
स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, चाइना सेंट्रल टेलीविजन पर 30 अक्टूबर को शेनझोउ 16 दल के पृथ्वी पर आने का
टेलीकास्ट हो रहा था। बताया जाता है कि कुछ वीडियो फुटेज में पैराशूट में हुआ छेद दिखाई दे रहा था। कैप्सूल के अंदर शेनझोउ 16 मिशन कमांडर जिंग हैपेंग और चालक दल के उनके सहयोगी ‘झू यांगझू' और ‘गुई हाइचाओ' थे।
बताया जाता है कि पैराशूट में इतना बड़ा छेद इससे पहले दिखाई नहीं दिया था। हालांकि इससे मिशन में कोई रुकावट नहीं आई। बताया जाता है कि कैप्सूल सुरक्षित तरीके से इनर मंगोलिया के गोबी रेगिस्तान में डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर उतरा।
रिपोर्टों के अनुसार, इस तरह के मिशन में अगर पैराशूट काम ना करे, तब भी क्रू मेंबर्स के पास बचने के लिए बैकअप होता है। उनके पास एक बैकअप पैराशूट होता है, जो किसी भी आपात स्थिति में खुद काम करने लगता है। हालांकि चीन की ओर से ऐसे किसी मामले की ऑफिशियल जानकारी अबतक नहीं दी गई है।
चीन ने जिस चुनौती का सामना किया, उससे दुनिया के बाकी देश भी जूझ चुके हैं। साल 1967 में हुई एक घटना के दौरान सोवियत यूनियन का सोयुज 1 मिशन इसी तरह की पेचीदगी से जूझा था। इस वजह से उसके एक एस्ट्रोनॉट को जान गंवानी पड़ी थी। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को भी ऐसी चुनौतियां झेलनी पड़ी हैं।