पता चल गया! अंतरिक्ष में ऐसे बने होंगे विशाल ब्लैक होल, नई स्टडी में दावा

स्टडी बताती है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल ब्रह्मांड की शुरुआत में ही इतनी तेजी से कैसे बढ़े और इतने बड़े कैसे बन गए।

पता चल गया! अंतरिक्ष में ऐसे बने होंगे विशाल ब्लैक होल, नई स्टडी में दावा

डार्क मैटर खगोल भौतिकी के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है।

ख़ास बातें
  • ब्लैक इतने जल्दी इतने ज्यादा विशाल आकार में कैसे फैले?
  • इसके पीछे ब्रह्मांड का एक और तत्व काम कर रहा है जिसे डार्क मैटर कहते हैं
  • डार्क मैटर ब्रह्मांड का एक रहस्यमय घटक कहा जाता है
विज्ञापन
अंतरिक्ष की दुनिया से जुड़ी कोई सबसे रहस्यमय चीज है तो वह 'ब्लैक होल' है। ब्लैक होल कैसे बने हैं, ये इतने जल्दी इतने ज्यादा विशाल आकार में कैसे फैल गए, ऐसे अनेकों सवाल हैं जिनका जवाब अंतरिक्ष वैज्ञानिक ढूंढने में लगे हुए हैं। अब एक नई स्टडी में इसका जवाब तलाशने की कोशिश की गई है। 

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने ब्लैक होल के बारे में पता लगाया। इसकी मदद से वैज्ञानिक जान पाए कि ये ब्रह्मांड की शुरुआत से लेकर बहुत ही जल्द इतने विशाल आकार में फैल गए। लेकिन कैसे? इसके पीछे ब्रह्मांड का एक और तत्व काम कर रहा है जिसे डार्क मैटर (Dark Matter) कहते हैं। यह स्टडी इस बात का पता लगाने की क्षमता रखती है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल ब्रह्मांड की शुरुआत में ही इतनी तेजी से और इतने बड़े कैसे बन गए। 

शोधकर्ताओं ने एक नया भौतिक मॉडल पेश किया है। इसकी मदद से यह बताने की कोशिश की गई है कैसे सुपरमैसिव ब्लैक होल के अंकुर डार्क मैटर नामक रहस्यमय तत्व के खत्म होने से बन सकते हैं। डार्क मैटर ब्रह्मांड का एक रहस्यमय घटक कहा जाता है जो प्रभावी रूप से ओझल है और केवल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से अन्य पदार्थों के साथ संपर्क करता है। इसी के परिणामस्वरूप यह आकाशगंगा निर्माण के लिए संरचनात्मक ढांचा तैयार करता है। 

डार्क मैटर की इतनी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद इसकी प्रकृति खगोल भौतिकी में सबसे बड़े रहस्यों में से एक बनी हुई है। ब्रह्मांड का स्टैंडर्ड मॉडल मानता है कि डार्क मैटर केवल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से परस्पर क्रिया करता है। लेकिन यह सुपरमैसिप ब्लैक होल के अस्तित्व को समझाने में संघर्ष करता नजर आता है, जो कि बिग बैंग के मात्र 80 करोड़ साल बाद इतने विशाल रूप में मौजूद हैं। 

इस चुनौती को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने डार्क मैटर का सब-कम्पोनेंट प्रपोज किया जिसे अल्ट्रा सेल्फ इंटरेक्टिंग डार्क मैटर कहा गया। इसमें शक्तिशाली परस्पर क्रिया की क्षमता बताई गई है। इसके इसी गुण के कारण डार्क मैटर के कण गांगेय प्रभामंडल (galactic halos) के केंद्रों में एक साथ इकठ्टा होना शुरू हो गए। एक समय के बाद इनका सुपमैसिव ब्लैक होल के अंकुरों के रूप में पतन हो गया। अगर यह प्रक्रिया किसी आकाशगंगा के विकास के प्रारंभ में हुई तो इसमें अवश्य ही सुपरमैसिव ब्लैक होल का बीजारोपण हुआ। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ultraviolette Tesseract: लॉन्च हुआ भारत का पहला ADAS सिस्टम वाला इलेक्ट्रिक स्कूटर, फुल चार्ज में चलेगा 261 Km!
  2. Motorola Razr 60 Ultra लीक से हुआ डिजाइन, स्पेसिफिकेशंस का खुलासा, जानें
  3. Honda के एक्टिवा इलेक्ट्रिक की जल्द शुरू होगी डिलीवरी, 102 किलोमीटर की रेंज
  4. U&i ने मात्र Rs 599 से शुरू होने वाले TWS ईयरबड्स और नेकबैंड किए लॉन्च, धांसू फीचर्स से लैस!
  5. boAt ने फैशनेबल लुक वाले Nirvana Ivy ईयरबड्स और Eutopia हेडफोन भारत में किए लॉन्च, जानें कीमत
  6. Jan Samarth Portal: चंद मिनटों में सरकारी लोन के लिए करें अप्लाई, यहां देखें आसान स्टेप्स
  7. गर्मियों में घर को शिमला बना देंगे ये 5 स्टार रेटिंग Split AC, Amazon पर मिल रहा डिस्काउंट
  8. Flipkart Big Saving Days Sale में 24 इंच बड़ा Blaupunkt HD TV मात्र Rs 5,999 में! जानें पूरी लिस्ट
  9. IND vs NZ Final Live Today: चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज, ऐसे देखें लाइव मैच
  10. ये है सस्ती फ्लाइट सर्च करने का सबसे बेस्ट तरीका, स्टेप बाय स्टेप करें फॉलो
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »