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क्‍या 2 घंटे पहले लगाया जा सकता है बड़े भूकंप का पता? वैज्ञानिकों का दावा- GPS करेगा ‘मदद’

Earthquake : वैज्ञानिकों का कहना है कि जीपीएस डेटा का इस्‍तेमाल फॉल्ट स्लिप (fault slip) की शुरुआत को मापने के लिए किया जा सकता है।

क्‍या 2 घंटे पहले लगाया जा सकता है बड़े भूकंप का पता? वैज्ञानिकों का दावा- GPS करेगा ‘मदद’

अगर ऐसा मुमकिन हो जाए, तो 2 घंटे का वक्‍त बहुत कीमती हो सकता है। हजारों जिंदग‍ियां बचाई जा सकती हैं।

ख़ास बातें
  • जीपीएस डेटा से मिल सकती है भूकंप के पूर्वानुमान में मदद
  • एक स्‍टडी में यह अनुमान लगाया गया है
  • भूकंप के पूर्वानुमान का कोई सिस्‍टम अभी तक नहीं है
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भूकंप (earthquakes) वो आपदा है, जिसका पहले पता चल जाए, तो हजारों-लाखों जिंदगि‍यों को बचाया जा सकता है। फरवरी में तुर्किए-सीरिया में आए भूकंप को कौन भूल सकता है। वहां के कुछ इलाकों में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 60 हजार से ज्‍यादा लोगों की जान ले ली थी। बड़े पैमाने पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को नुकसान हुआ। लोगों ने कई हफ्तों तक भूकंप के आफ्टरशॉक्‍स झेले। भूकंप के पूर्वानुमान का फ‍िलहाल कोई तरीका दुनिया में नहीं है। क्‍या हो अगर 2 घंटे पहले भूकंप की चेतावनी जारी की जा सके? 

जर्नल साइंस में छपी स्‍टडी के अनुसार, फ्रांसीसी वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्हें भूकंप की चेतावनी जारी करने का तरीका मिल गया है। उन्‍होंने कोई नई तकनीक नहीं खोजी है। दावा किया है कि जीपीएस (GPS) सिस्‍टम की मदद से भूकंप की चेतावनी जारी की जा सकती है। 

जीपीएस जिसे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम भी कहते हैं, दर्जनों सैटेलाइट्स की एक सीरीज है। इसका इस्‍तेमाल सैन्‍य जरूरतों के साथ-साथ लोगों की लोकेशन जानने के लिए किया जाता है। वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में 7 तीव्रता से ऊपर के 90 प्रमुख भूकंपों के बाद जमीन के अंदर होने वाले बदलावों का आकलन किया। इससे उन्‍हें जरूरी जानकारी हाथ लगी है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि जीपीएस डेटा का उपयोग फॉल्ट स्लिप की शुरुआत को मापने के लिए किया जा सकता है जो आखिरकार पहले भूकंपीय झटके से 2 घंटे पहले तक एक बड़े भूकंप का कारण बन सकता है।

अगर ऐसा मुमकिन हो जाए, तो 2 घंटे का वक्‍त बहुत कीमती हो सकता है। हजारों जिंदग‍ियां बचाई जा सकती हैं। लोग अपने साथ जरूरत का सामान बाहर ले जा सकते हैं। हालांकि स्‍टडी में साफ किया गया है कि जीपीएस डेटा भूकंप का पता लगाने का क्‍लीयर टेस्‍ट नहीं है। यह स‍िर्फ कुछ पैटर्न दिखाता है, जो भूकंप से संबंधित हैं। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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