इस बात में कोई शक नहीं कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। एक सिगरेट इंसान की जिंदगी के 11 मिनट तक कम सकती है। लेकिन एक चीज ऐसी है, जो सिगरेट से भी ज्यादा नुकसानदेह है और इसकी वजह से हमारे जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नाखुशी (Unhappiness) आपकी जिंदगी को धूम्रपान से होने वाले नुकसान से भी ज्यादा छोटा कर सकती है। करीब 12 हजार चीनी युवाओं के डेटा से पता चला है कि खराब मानसिक स्थिति जैसे- अकेलापन, निराशा और बेचैनी भरी नींद महसूस करना इंसान के औसत जीवनकाल से डेढ़ साल तक घटा सकता है।
हमारे बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं कि चिंता, चिता के सामन है, लेकिन दौड़भाग भरी जिंदगी, काम के तनाव और कई निजी वजहों से आजकल लोग परेशान होते ही हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। लोग अपनी फिटनेस पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजगता बहुत कम है।
चीन और अमेरिका के वैज्ञानिकों की टीम ने एक नई AI ‘एजिंग क्लॉक' की जांच करते हुए यह शोध किया है। स्टडी के प्रमुख लेखक डॉ फेडर गल्किन ने कहा कि 'स्ट्रोक, लिवर, फेफड़ों की बीमारियां और धूम्रपान करने वाले लोगों की उम्र तेजी से बढ़ती है, लेकिन हमारी स्टडी बताती है कि कमजोर मानसिक स्थिति वाले लोग भी तेजी से बूढ़े होते हैं।
उन्होंने कहा कि निराशा से भरे, दुखी और अकेला महसूस करने वालों की जैविक उम्र धूम्रपान करने वालों से ज्यादा तेजी से बढ़ती है। रिसर्च में सामने आया है कि स्मोकिंग करने वालों उम्र 1.25 साल तक कम हो जाती है, जबकि मनोवैज्ञानिक कारणों से जिंदगी के 1.65 साल तक घट जाते हैं। यानी स्मोकिंग से ज्यादा खतरनाक हो सकता है आपका खराब मानसिक स्वास्थ्य।
रिसर्चर्स का कहना है कि सिंगल और ग्रामीण परिवेश में रहने से भी जीवनकाल पर असर पड़ता है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत कम है। स्टडी की सह लेखक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंटिस्ट मैनुअल फारिया ने कहा कि मानसिक और मनोसामाजिक स्थितियां हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं, इसके बावजूद मॉडर्न हेल्थकेयर में इनका वजूद काफी हद तक कम हो गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उम्र बढ़ने से जुड़े अध्ययनों के दौरान मनोवैज्ञानिक घटकों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।