अंतरिक्ष में लाखों की संख्या में एस्टरॉयड्स (Asteroids) घूम रहे हैं। जिस तरह हमारे सौरमंडल के सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड्स भी सूर्य का चक्कर लगाते हैं। इसी प्रक्रिया में कई एस्टरॉयड्स पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरते हैं। वैज्ञानिक इन्हें तब तक मॉनिटर करते हैं, जब तक एस्टरॉयड पृथ्वी से दूर नहीं चला जाता। अगर कोई एस्टरॉयड पृथ्वी से टकरा जाए, तो बड़ी तबाही हो सकती है। कल यानी शनिवार को एक एस्टरॉयड पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा, जिस वजह से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक अलर्ट जारी किया है।
नासा ने एस्टरॉयड 2022 WU11 (Asteroid 2022 WU11) के बारे में यह अलर्ट जारी किया है। 98 फीट चौंड़ा यह एस्टरॉयड एक विमान के आकार का है। जब यह पृथ्वी के सबसे नजदीक पहुंचेगा, तब दोनों के बीच दूरी सिर्फ 44 लाख किलोमीटर रह जाएगी। दिलचस्प यह है कि एस्टरॉयड 2022 WU11 करीब 38 हजार 26 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमारे ग्रह के पास आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक' की कैटिगरी में रखा गया है, जो भी एस्टरॉयड, पृथ्वी के 80 लाख किलेामीटर के दायरे में आता है, उसे “खतरनाक” की कैटिगरी में रखकर मॉनिटर किया जाता है। इस एस्टरॉयड को इसी साल नवंबर में खोजा गया है। अपोलो ग्रुप से जुड़ा यह एस्टरॉयड सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 1176 दिन लगाता है। तब सूर्य से इसकी अधिकतम दूरी 51 करोड़ 30 लाख किलोमीटर और नजदीकी दूरी 13 करोड़ 90 लाख किलोमीटर होती है।
जब भी
एस्टरॉयड, पृथ्वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखते हैं। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है। ज्यादातर एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ड में परिक्रमा करते हैं, लेकिन कई एस्टरॉयड की कक्षाएं ऐसी होती हैं, जो पृथ्वी के पास से गुजरती हैं। पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करने वाले एस्टरॉयड को अर्थ-क्रॉसर्स के रूप में जाना जाता है।
ज्यादातर एस्टरॉयड का आकार अनियमित होता है। कुछ गोलाकार होते हैं, तो कई अंडाकार। कुछ एस्टरॉयड ऐसे भी हैं, जिनका अपना चंद्रमा है। कई के दो चंद्रमा भी हैं। वैज्ञानिकों ने डबल और ट्रिपल एस्टरॉयड सिस्टम की खोज भी की है, जिनमें ये चट्टानें एक-दूसरे के चारों ओर घूमती रहती हैं।