एक एस्टरॉयड ने हमारे वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया है। एस्टरॉयड का नाम है- (2023 FS11)। एयरोप्लेन जितना बड़ा यह एस्टरॉयड आज हमारे ग्रह के करीब से गुजरने वाला है। 82 फीट का एस्टरॉयड 2023 FS11 जब हमारी पृथ्वी के करीब आएगा, तो दोनों के बीच की दूरी सिमटकर 6,610,000 किलोमीटर रह जाएगी। आपको यह दूरी बहुत ज्यादा लग सकती है, लेकिन अंतरिक्ष की विशालता के आगे कुछ भी नहीं। इसीलिए वैज्ञानिक इस एस्टरॉयड पर नजर रख रहे हैं और उसे ‘संभावित रूप से खतरनाक' की कैटिगरी में शामिल किया है।
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने
बताया है कि एस्टरॉयड 2023 FS11 आज यानी 3 अप्रैल को धरती के करीब से गुजरेगा। जानकारी के अनुसार, यह 42275 किलोमीटर प्रति घंटे की तूफानी स्पीड से आगे बढ़ रहा है। हालांकि इस एस्टरॉयड के पृथ्वी से टकराने की उम्मीद नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक इसे तब तक मॉनिटर करते रहेंगे, जबतक यह हमारे ग्रह से बहुत दूर नहीं चला जाता।
पृथ्वी के इतिहास में एस्टरॉयड टकराने की कई घटनाएं शामिल हैं, जिन्होंने हमारी ग्रह पर जीवन को नुकसान पहुंचाया है। वैज्ञानिक मानते आए हैं कि करोड़ों साल पहले धरती से डायनासोर का खात्मा एक एस्टरॉयड की टक्कर के बाद मचे विनाश से हुआ था। यही वजह है कि वैज्ञानिक एस्टरॉयड्स पर नजर रखते हैं और जो भी पृथ्वी के नजदीक से गुजरता है, उसे मॉनिटर करते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) एस्टरॉयड्स का निश्चित हल ढूंढने पर काम कर रही है। पिछले साल उसने DART मिशन को टेस्ट किया था। इसके तहत एक स्पेसक्राफ्ट को एस्टरॉयड से टकराया गया था, ताकि एस्टरॉयड की कक्षा में बदलाव किया जा सके। अभी तक कि जानकारी के अनुसार, नासा अपने मिशन में सफल रही है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भविष्य में कोई एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए खतरा बनता है, तो उसे भी DART मिशन की तरह ही रोका जा सकता है।
बात करें एस्टरॉयड्स की, तो नासा के
अनुसार, इन्हें लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।