अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन चंद्रमा को टटोल रहा है। हालांकि कल बुधवार को इसके ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी। बताया जाता है कि ओरियन कैप्सूल (Orion capsule) का संपर्क नासा के साथ टूट गया। करीब 47 मिनट तक कम्युनिकेशन बाधित रहा, जिसने नासा और मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की टेंशन बढ़ा दी। ऐसा किस वजह से हुआ, अभी तक पता नहीं चल पाया है। वैज्ञानिक मामले की जांच कर रहे हैं।
16 नवंबर को लॉन्च हुआ आर्टेमिस 1 मिशन सफलता के साथ आगे बढ़ रहा है। इसका मकसद यह स्थापित करना है कि भविष्य में इंसान को चांद पर दोबारा कैसे भेजा जाए। अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा ओरियन स्पेसक्राफ्ट बुधवार को एक चुनौती लेकर आया। नासा के मिशन कंट्रोलर्स ने ओरियन स्पेसक्राफ्ट के साथ संपर्क खो दिया। एक ब्रीफ अपडेट में
नासा की ओर से बताया गया है कि पिछले कुछ दिनों में कई बार रिकन्फिगरेशन किया गया है। ओरियन के साथ संपर्क क्यों खत्म हुआ, इसके कारणों की जांच की जा रही है।
नासा ने कहा कि इस परेशानी को ठीक कर लिया गया। नासा के इंजीनियर ओरियन स्पेसक्राफ्ट से आने वाले डेटा की जांच कर रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि आखिर क्या हुआ था। नासा के अधिकारियों का कहना है कि कम्युनिकेशन आउटेड करीब 47 मिनट तक चला। ओरियन स्पेसक्राफ्ट ठीक है और उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
इस बीच, ओरियन स्पेसक्राफ्ट एक जरूरी काम को कल पूरा करने की कोशिश करेगा। इसके तहत ओरियन कैप्सूल चंद्रमा के ऑर्बिट में जगह बनाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो ओरियन स्पेसक्राफ्ट करीब एक हफ्ते तक उसी कक्षा में रहेगा और फिर 1 दिसंबर को पृथ्वी की ओर वापस आएगा।
गौरतलब है कि
ओरियन स्पेसक्राफ्ट ने एक बेहद शानदार वीडियो भी रिकॉर्ड किया है। इस वीडियो में चंद्रमा से पृथ्वी को देखा जा सकता है।
ओरियन स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा के पास से उड़ान भरते हुए पृथ्वी को अपने हाई रेजॉलूशन कैमरा में कैद किया। ऐसा नजारा शायद ही देखने को मिला हो, जिसमें चंद्रमा से पृथ्वी को देखा जाए।
नासा ने यह भी संभावना जताई है कि इस दशक के अंत तक इंसान चंद्रमा पर लंबे समय के लिए रहने लगेगा। एजेंसी का कहना है कि आर्टेमिस मिशन हमें एक स्थायी प्लेटफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में सक्षम बनाता है। यह हमें सीखने की अनुमति देता है कि उस डीप स्पेस एनवायरनमेंट में कैसे काम किया जाए।