एस्टरॉयड्स का पृथ्वी के नजदीक आना जारी है। अगला नंबर ‘एस्टरॉयड 2022 आरक्यू' (Asteroid 2022 RQ) का है। यह एस्टरॉयड आकार में मीडियम है और 13 सितंबर को हमारे नजदीक आएगा। यह 49,536 किलोमीटर की रफ्तार से अपना सफर कर रहा है। जब यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब इसके हमारे ग्रह के बीच की दूरी 37 लाख किलोमीटर होगी। 84 फीट चौड़ा यह एस्टरॉयड एक विमान के आकार का है। पर क्या यह पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है?
इसके पृथ्वी को प्रभावित करने की संभावना नहीं है। हालांकि साइंटिस्ट इसे तबतक मॉनिटर करते रहेंगे, जबतक यह पृथ्वी से बहुत दूर नहीं हो जाता। करोड़ों साल पहले एस्टरॉयड, पृथ्वी के लिए चुनौती बन चुके हैं। माना जाता है कि इस धरती से डायनासोर का खात्मा डायनासोर की वजह से ही हुआ था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एस्टरॉयड 2022 RQ की खोज इसी महीने 1 सितंबर को की गई थी। यह एस्टरॉयड्स के मुख्य अपोलो ग्रुप से संबंधित है। सूर्य से इस एस्टरॉयड का सबसे दूर बिंदु 328 मिलियन किलोमीटर और निकटतम बिंदु 110 मिलियन किलोमीटर है। एस्टरॉयड 2022 RQ सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करने में 648 दिनों का समय लेता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने NEO ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम के जरिए एस्टरॉयड्स के ट्रैक का पता लगाती है। यह 140 मीटर या उससे बड़े आकार के कम से कम 90 फीसदी एस्टरॉयड्स को ट्रैक कर सकता है। एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।
ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है। ज्यादातर एस्टरॉयड का आकार अनियमित होता है। कुछ लगभग गोलाकार होते हैं, तो कई अंडाकार दिखाई देते हैं। कुछ एस्टरॉयड तो ऐसे भी हैं, जिनका अपना चंद्रमा है। कई के दो चंद्रमा भी हैं। वैज्ञानिकों ने डबल और ट्रिपल एस्टरॉयड सिस्टम की खोज भी की है, जिनमें ये चट्टानों एक-दूसरे के चारों ओर घूमती रहती हैं।