• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 55 करोड़ साल पहले ‘मरते मरते’ बची पृथ्‍वी, हो जाता मंगल ग्रह जैसा हाल, रिसर्च में सामने आई यह बात

55 करोड़ साल पहले ‘मरते-मरते’ बची पृथ्‍वी, हो जाता मंगल ग्रह जैसा हाल, रिसर्च में सामने आई यह बात

चुंबकीय क्षेत्र को दोबारा रीस्‍टोर करने में पृथ्‍वी को डेढ़ करोड़ साल लगे।

55 करोड़ साल पहले ‘मरते-मरते’ बची पृथ्‍वी, हो जाता मंगल ग्रह जैसा हाल, रिसर्च में सामने आई यह बात

अगर चुंबकीय क्षेत्र पुनर्जीवित नहीं होता तो आज पृथ्‍वी पर जीवन मुमकिन नहीं था।

ख़ास बातें
  • ऐसे हालात में जीवन पनपना मुमकिन ही नहीं था
  • जैसे-जैसे इनर कोर विकस‍ित होता गया, चुंबकीय क्षेत्र भी रीजनरेट हो गया
  • यह स्‍टडी नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश हुई है
विज्ञापन
पृथ्‍वी हमारे सौर मंडल के बाकी ग्रहों से एकदम अलग है। यहां जीवन की मौजूदगी इसे सौर मंडल का सबसे अहम ग्रह बनाती है। इस जीवन को मुमकिन करता है पृथ्‍वी का चुंबकीय क्षेत्र जो सौर हवाओं के खिलाफ एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। लेकिन चीजें हमेशा से ऐसी नहीं थीं। एक समय था जब पृथ्‍वी का चुंबकीयमंडल (magnetosphere) पूरी तरह से खत्‍म होने की स्थिति में था। ऐसे हालात में जीवन पनपना मुमकिन ही नहीं था। फ‍िर कैसे सबकुछ ठीक हुआ। वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में यही पता लगाया है। 

न्यू यॉर्क की रोचेस्टर यूनिवर्सिटी में जियोफ‍िजिक्‍स यानी भूभौतिकी के प्रोफेसर जॉन टार्डुनो के अनुसार, हमारे ग्रह पर जीवन की शुरुआत से पहले पृथ्वी का चुंबकीयमंडल पूरी तरह से ध्वस्त होने के कगार पर था। स्‍टडी से पता चला है कि 55 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन (Cambrian) काल की शुरुआत में हमारे ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र पूरी तरह से खत्‍म होने वाला था। इसे दोबारा रीस्‍टोर करने में पृथ्‍वी को डेढ़ करोड़ साल लगे। स्‍टडी के मुताबिक पृथ्‍वी का इनर कोर विकसित होने से पहले इसका चुंबकीय क्षेत्र खत्‍म हो रहा था। जैसे-जैसे इनर कोर विकस‍ित होता गया, चुंबकीय क्षेत्र भी रीजनरेट हो गया। अगर यह पुनर्जीवित नहीं होता तो आज पृथ्‍वी पर जीवन मुमकिन नहीं था।   

यह स्‍टडी नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश हुई है। स्‍टडी में पृथ्‍वी के इतिहास से जुड़ी कई रोचक बातें शेयर की गई हैं, जो बताती हैं कि हमारे ग्रह पर जीवन नहीं होता। यह भी बाकी ग्रहों की तरह ही एक निर्जन इलाका होता। स्‍टडी बताती है कि अगर हमारे ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र भी खत्‍म हो गया होता, तो धरती का पानी सूख जाता। वैसे ही जैसे मंगल ग्रह का पानी सूख गया और वह एक बंजर ग्रह रह गया। रिसर्चर्स मानते हैं कि मंगल ग्रह पर भी कभी चुंबकीय क्षेत्र था। वह खत्‍म होने से मंगल ग्रह पूरी तरह से सूख गया और वीरान हो गया। 

हालांकि वैज्ञानिक यह नहीं जान पाए हैं कि किन वजहों से पृथ्‍वी का चुंबकीय क्षेत्र खत्‍म हुआ और आखिर कैसे रीस्‍टोर हुआ। स्‍टडी से पता चलता है कि शायद पृथ्‍वी की सतह से 28 हजार किलोमीटर नीचे पिघले हुए लोहे की वजह से इस ग्रह ने अपना चुंबकीय क्षेत्र फ‍िर से पाया होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो हमारा ग्रह सूर्य से आने वाली खतरनाक हवाओं के कारण सूख जाता। यहां बहुत रेडिएशन होता और पृथ्‍वी पर जीवन की मौजूदगी नहीं होती।   
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. NASA बना रही भविष्य के विमान! प्रोजेक्ट स्टडी के लिए 5 कंपनियों को दिए 97 करोड़ रुपये
  2. iQOO Neo 10 फोन के कैमरा का लॉन्च से पहले खुलासा, Sony के इस धांसू सेंसर से होगा लैस
  3. Flipkart Black Friday Sale Live: iPhone 15, Galaxy S24 Plus, Pixel 9 जैसे फोन Rs 12 हजार तक हुए सस्ते!
  4. Google Maps ने दिया धोखा! अधूरे पुल पर नदी में जा गिरी कार
  5. सस्ता टैबलेट Teclast M50 Mini लॉन्च हुआ 8.7 इंच डिस्प्ले, 13MP डुअल कैमरा के साथ, जानें कीमत
  6. Ola ने स्कूटर सर्विस के लिए थमा दिया Rs 90 हजार का बिल, गुस्साए कस्टमर ने किया वो कि लोग देखते रह गए!
  7. Samsung Galaxy Z Flip FE, Z Flip7 के प्रोसेसर का खुलासा, मिलेगा बड़ा अपग्रेड!
  8. ISRO रचेगी इतिहास! यूरोपियन स्पेस एजेंसी के साथ लॉन्च करेगी Proba-3 मिशन, जानें क्यों है इतना खास?
  9. Realme Note 60x फोन 5000mAh बैटरी, 32MP कैमरा के साथ जल्द होगा लॉन्च, यहां आया नजर
  10. Oppo Reno 13 सीरीज 16GB रैम, 1TB स्टोरेज के साथ कल होने जा रही लॉन्च, देखें कलर वेरिएंट्स की झलक
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »