अंतरिक्ष की रहस्यमयी दुनिया के बारे में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के पास भी बहुत ही कम जानकारी अभी तक उपलब्ध हो पाई है। अंतरिक्ष अथाह है और उसका दूसरा छोर शायद इंसान की पहुंच में कभी आ भी न पाए। अरबों प्रकाशवर्ष दूर अंतरिक्ष अपने में क्या समेटे हुए है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। सौरमंडल में ही कई तरह के खगोलीय पिंड मौजूद हैं, जिनमें ग्रहों के उपग्रह, उल्का पिंड, धूमकेतु, एस्टरॉयड या क्षुद्र ग्रह आदि गिनती में आते हैं। इनमें से एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए खतरनाक माने जाते हैं। ये अगर धरती से टकरा जाएं तो भयंकर विनाश छा सकता है। विशालकाय एस्टरॉयड के गिरने से बड़े शहरों का नाम-ओ-निशान तक मिट सकता है।
अमेरिकी
अंतरिक्ष एजेंसी
नासा एस्टरॉयड की दिशा पर नजर रखती है। नासा ने आज 2 एस्टरॉयड्स के पृथ्वी की ओर आने का अलर्ट जारी किया है। नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी की ओर से यह अलर्ट जारी किया गया है। आज यानि 21 जुलाई को एस्टरॉयड 2023 OS धरती के पास आने वाला है। यह 150 फीट का खगोलीय पिंड है जो एक बड़े हवाई जहाज जितना है। यह धरती के करीब 1,950,000 किलोमीटर तक आने वाला है।
इसके अलावा आज ही एक और
एस्टरॉयड से धरती का सामने होने वाला है। यह 2023 MX5 नामक एस्टरॉयड है जो धरती की ओर आने वाला है। इसका साइज 190 फीट का है। ये दोनों ही एस्टरॉयड एयरप्लेन जितने बड़े हैं। 2023 MX5 नाम के एस्टरॉयड की पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचने पर दूरी 4,560,000 किलोमीटर बताई गई है। हालांकि, नासा ने ऐसे किसी खतरे की चेतावनी अभी तक जारी नहीं की है जिसमें कहा गया हो कि ये धरती से टकरा सकते हैं।
सौरमंडल में घूमते एस्टरॉयड इसका अभिन्न हिस्सा हैं जो इसके निर्माण के समय से ही मौजूद हैं। एस्टरॉयड की संरचना ग्रहों जैसी ही बताई गई है लेकिन ये आकार में कई तरह के हो सकते हैं। ये ऊबड़ खाबड़ चट्टानों के रूप में सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं। कुछ एस्टरॉयड चपटे हो सकते हैं, तो कुछ गोलाकार भी हो सकते हैं। सबसे बड़ा एस्टरॉयड वेस्टा बताया जाता है जिसका साइज 530 किलोमीटर बताया गया है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी भारी चट्टान का धरती से टकराना कैसी तबाही ला सकता है।