खबर है कि माइक्रोसॉफ्ट एक महिला को बिना उसकी अनुमति उसके कम्प्यूटर में विडोज़10 इंस्टॉल करने के लिए 10,000 डॉलर (करीब 7 लाख रुपये) चुकाएगी। कैलिफोर्निया निवासी टेरी गोल्डस्टेन ने कंपनी पर उनके कम्प्यूटर में ऑटोमैटिकली विंडोज़ 10 इंस्टॉल करने की कोशिश करने के लिए मुकदमा ठोंक दिया। उनका दावा है कि इसके बाद उनके कम्प्यूटर ने ठीक से काम नहीं किया और उनका सारा डाटा और फाइल गायब हो गईं।
गोल्डस्टेन कैलिफोर्निया में एक ट्रैवल एजेंसी चलाती हैं और उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट पर बिना उनकी अनुमति के अपडेट इंस्टॉल करने के लिए मुकदमा किया है। उन्होंने द सिएटल को
बताया कि अपडेट सफलतापूर्वक इंस्टॉल नहीं हुई और उनका लैपटॉप बहुत धीमा हो गया। इसके बाद लैपटॉप क्रैश कर गया और वो कई दिन तक काम नहीं कर सकीं।
गोल्डस्टेन ने एक वेबसाइट को बताया, ''मैंने कभी विंडोज़ 10 के बारे में नहीं सुना था। किसी ने मुझसे विंडोज़ अपडेट के बारे में नहीं पूछा।'' माइक्रोस़फ्ट ने इस मुकदमे को आगे ना खींचते हुए एक अपील की। इसके बाद फैसले के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट अब इस महिला को 10,000 डॉलक का भुगतान करेगी।
माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज़ 10 फिलहाल विंडोज़ 7 और विंडोज़ 8.1 यूज़र के लिए मुफ्त अपग्रेड के लिए उपलब्ध है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को जुलाई 2015 में लॉन्च किया गया था और 29 जून तक यह मुफ्त अपग्रेड के लिए उपलब्ध है। कंपनी लगातार यूज़र को विंडोज़ 10 पर स्विच करने के लिए जोर-शोर से अभियान चला रही है। लगातार नोटिफिकेशन के साथ-साथ कई यूज़र ने पॉप-अप की भी बातकही हैं और लगता है गोल्डस्टेन का मामला भी ऐसा ही एक उदाहरण है।
नकारने के विकल्प के बिना पॉप-अप को कुछ समय पहले कई विंडोज़ पीसी पर देखा गया था और यूज़र द्वारा नकारात्मक फीडबैक के बाद माइक्रोसॉफ्ट को इसे बंद करना पड़ा था।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्लॉग पर कहा था कि विंडोज़ 10 एक्टिवेट करने से पहले कंपनी यूज़र को कम से कम दो बार नोटिफिकेशन भेजती है। इसके अलावा यूज़र 31 दिन के अंदर इंस्टॉल को रिवर्स कर वापस पुराने सॉफ्टवेयर पर जा सकते हैं।
इसी महीने माइक्रोसॉफ्ट ने अलान किया था कि दुनियाभर में
300 मिलियन डिवाइस पर विंडोज़ 10 ओएस एक्टिवेट है।
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