भारत में प्रोडक्शन शिफ्ट करेंगी चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियां Xiaomi, Oppo और Vivo!

ये कंपनियां चीन में मौजूद अपनी फैक्टरीज से कुछ प्रोडक्शन को भारत में शिफ्ट करने की तैयारी कर रही हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 10 दिसंबर 2022 15:20 IST
ख़ास बातें
  • ये कंपनियां डिवाइसेज का एशिया और अफ्रीका को एक्सपोर्ट कर सकती हैं
  • इन कंपनियों को कुछ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है
  • भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग पर इंसेंटिव दिया जा रहा है

इन कंपनियों की योजना भारत में बने स्मार्टफोन्स का एक्सपोर्ट करने की भी है

चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों Xiaomi, Oppo और Vivo ने चीन से भारत में कुछ प्रोडक्शन को शिफ्ट करने की योजना बनाई है। यह केंद्र सरकार की मेड इन इंडिया पॉलिसी के लिए एक बड़ी सफलता कही जा सकती है। इन कंपनियों की योजना भारत में बने स्मार्टफोन्स का एक्सपोर्ट करने की भी है। 

केंद्र सरकार की पॉलिसी का लक्ष्य देश को इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग का एक हब बनाना है। ये कंपनियां चीन में अपनी फैक्टरीज से कुछ प्रोडक्शन को भारत शिफ्ट करने की तैयारी कर रही हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि इन्होंने भारत से प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट की योजना को फाइनल कर दिया है। इससे पहले आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple और दक्षिण कोरिया की Samsung ने भारत में प्रोडक्शन बढ़ाया है। ये कंपनियां भारत में बने डिवाइसेज का एशिया, अफ्रीका, मिडल ईस्ट और लैटिन अमेरिका को एक्सपोर्ट कर सकती हैं। 

चीन में सरकार की ओर से रूल्स कड़े करने और भारत में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) इन तीनों चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के लिए भारत में प्रोडक्शन शिफ्ट करने के बड़े कारण हैं। PLI स्कीम में भारत में बने डिवाइसेज के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट के लिए इंसेंटिव दिया जाता है। हालांकि, इन कंपनियों को कुछ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। हाल ही में भारतीय अथॉरिटीज ने चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Vivo के लगभग 27,000 स्मार्टफोन्स का एक्सपोर्ट रोक दिया था। Vivo की देश में मौजूद यूनिट की मैन्युफैक्चरिंग वाले इन स्मार्टफोन्स को फाइनेंस मिनिस्ट्री की रेवेन्यू इंटेलिजेंस यूनिट ने नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर रोका था। 

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कंपनी पर डिवाइस के मॉडल्स और उनकी वैल्यू की गलत जानकारी देने का आरोप है। इस शिपमेंट की वैल्यू लगभग 1.5 करोड़ डॉलर की है। हालांकि, भारतीय मोबाइल कंपनियों के एक संगठन ने इस कार्रवाई को 'एकतरफा और बेतुका' कहा है। इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन Pankaj Mohindroo ने टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री को लिखे एक पत्र में कहा है, "प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से इस तरह की कार्रवाई से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को नुकसान होगा।" कंपनी का कहना है कि इससे भारत से एक्सपोर्ट करने की उसकी योजना में बदलाव नहीं होगा। इन तीनों चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का कहना है कि वे केंद्र सरकार के लक्ष्यों के अनुसार इनवेस्टमेंट करने के लिए तैयार हैं। 
 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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