भारतीय स्मार्टफोन मार्केट की ग्रोथ साल की दूसरी तिमाही में बहुत धीमी गति से आगे बढ़ी। मार्केट ग्रोथ को लेकर मार्केट रिसर्च फर्म Canalys की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि इंडियन स्मार्टफोन मार्केट ने Q2 2024 में सिर्फ 1 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की। इसके पीछे कई कारक बताए गए हैं जिनमें इस अवधि के दौरान भारत में चुनाव होना, मौसम की भीषण गर्मी, सीजन में कम डिमांड आदि शामिल हैं। बावजूद इसके, स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों की रैंकिंग में बड़ा फेरबदल हुआ है।
Xiaomi पिछले कई महीनों से टॉप पॉजीशन से वंचित रहने के बाद एक बार फिर से नम्बर वन पर आ गई है।
Canalys की
रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। दूसरी तिमाही में कंपनी ने 18 प्रतिशत का मार्केट शेयर हासिल कर लिया। इसने 67 लाख स्मार्टफोन यूनिट्स इस दौरान बेचीं जिसकी बदौलत यह फिर से भारत में टॉप स्मार्टफोन कंपनी बन गई। कंपनी ने 5G सेग्मेंट पर फोकस किया और हरेक प्राइस रेंज में डिवाइसेज उतारे।
Xiaomi ने फ्लैगशिप लॉन्च करने पर भी खासा ध्यान दिया। हाल ही में कंपनी ने टॉप फ्लैगशिप Xiaomi 14 सीरीज को लॉन्च किया। साथ ही Xiaomi 14 Civi को भी पेश किया। शाओमी के बाद Vivo का नम्बर आता है जो इसके पीछे ही है। यानी दोनों के मार्केट शेयर में बहुत ज्यादा अंतर रिपोर्ट में नहीं बताया गया है। तीसरा स्थान Samsung को मिला जिसने अवधि के दौरान 61 लाख यूनिट्स सेल कीं। इसके बाद Realme और Oppo का नम्बर आता है।
Realme लिस्ट में चौथे स्थान पर है जिसने 43 लाख यूनिट्स सेल कीं। जबकि Oppo को पांचवां स्थान मिला है जिसने 42 लाख यूनिट्स सेल कीं। साल की पहली तिमाही में नजारा कुछ अलग था, जब मार्केट ने 15 प्रतिशत की ईयर-ऑन-ईयर ग्रोथ हासिल की थी। पहली तिमाही में 3.5 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन्स की शिपमेंट हुई थी।
Samsung का पहली तिमाही में दबदबा था जब कंपनी ने 19 प्रतिशत का मार्केट शेयर हासिल किया था। उसके बाद Xiaomi, Vivo जैसे ब्रैंड्स टॉप में थे। Canalys की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले त्यौहारी सीजन में भारत में स्मार्टफोन्स की बिक्री काफी बढ़ेगी। वहीं, आने वाले साल में यानी 2025 में लगभग 44 प्रतिशत भारतीय कस्टमर एक नया फोन खरीद सकते हैं। जिसमें 5G फोन पर कस्टमर्स का खास फोकस रहेगा।
यहां मार्केट के लिए कुछ चुनौतियां भी बताई गई हैं। फेस्टिव सीजन में कस्टमर बहुत अधिक प्राइस घटने की अपेक्षा करता है जिससे ब्रैंड वैल्यू को नुकसान होता है, और कंपनी का मुनाफा घट जाता है। इसके अलावा, सेकंडहैंड स्मार्टफोन मार्केट भी तेजी से ग्रोथ कर रही है, जो नए स्मार्टफोन्स की बिक्री में एक बाधा बनती है। फीचर फोन से स्मार्टफोन पर शिफ्ट होने की प्रक्रिया देश में बहुत धीमी है। यह कारक भी स्मार्टफोन सेल्स पर नकारात्मक असर डालता है।