समय के साथ कुछ ऐसे बदला स्मार्टफोन का ट्रेंड...

जिस तरह हेयरस्टाइल, कपड़े, फुटवियर, घड़ियों का फैशन बदला, उसी तरह मोबाइल फोन का भी फैशन समय-समय पर बदलता रहा।

समय के साथ कुछ ऐसे बदला स्मार्टफोन का ट्रेंड...
ख़ास बातें
  • मोबाइल फोन का भी फैशन समय-समय पर बदलता रहा
  • कभी डिस्प्ले को कर्व्ड किया गया तो कभी हैंडसेट भारी-भारी भरकम हो गया
  • कभी कीपैड को 'कम्प्यूटर कीबोर्ड' डिज़ाइन देकर QWERTY बनाया गया
विज्ञापन
जिस तरह हेयरस्टाइल, कपड़े, फुटवियर, घड़ियों का फैशन बदला, उसी तरह मोबाइल फोन का भी फैशन समय-समय पर बदलता रहा। सबसे पहले मोबाइल फोन को लेकर यही हैरानी थी कि कैसे एक प्लास्टिक का छोटा लेकिन भारी सा टुकड़ा, दूर बैठे किसी इंसान से बिना तार संपर्क जोड़ देता है। जब हमें यह तकनीक समझ में आ गई, फिर आया दौर मोबाइल फोन के डिज़ाइन का। फ्लिप कवर वाले फोन को बार-बार ऊपर उठाना कभी हमें भाया तो कभी लगा कि क्यों बेवज़ह यह ढक्कन फोन पर दे दिया गया है। फिर हमने स्लाइडर को स्लाइड कर खूब नंबर दबाए और 'स्टेटस सिंबल' के तौर पर स्लाइडर फोन ने अपनी अलग जगह बनाई।

फिर आया पूरे के पूरे फोन को यूनीक लुक देने का चलन। कभी डिस्प्ले को कर्व्ड किया गया तो कभी हैंडसेट को भारी-भारी भरकम आकार देकर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश हुई। कभी कीपैड को 'कम्प्यूटर कीबोर्ड' डिज़ाइन देकर QWERTY बनाया गया तो कभी फीचर फोन को बनाना शेप देकर किया गया एक नया प्रयोग। आज बात मोबाइल फोन के इसी 'फैशनेबल' दौर की, जिसमें समय-समय पर डिज़ाइन ने बदली मोबाइल फोन की दुनिया...

फ्लिप
फ्लिप फोन के दौर ने लोगों को खूब आकर्षित किया। सैमसंग कॉन्वॉय, एलजी 450, मोटो रेज़र वी3, नोकिया एन93, ब्लैकबेरी 9760 जैसे फोन ने फ्लिप फोन के फैशन को जमकर हवा दी। 'मोटो रेज़र सीरीज़' के फोन को देश में लंबे समय तक स्टेटस सिंबल के तौर पर देखा जाता रहा। इनमें रेग्युलर कीपैड वाले हिस्से के ऊपर एक फ्लिप कवर (ढक्कन) दिया जाता था, जिसे ऊपर करने पर फोन खुद व खुद उठ जाता था। कुछ फ्लिप फोन में बाहर से स्क्रीन देखी जा सकती थी। जो कॉल के वक्त संबंधित डिटेल और बाकी समय 'टाइम एवं डेट' शो करती थी। फोन आने पर फ्लिप कवर खोल कर बात करना एक दौर में सभी का ध्यान आकर्षित करता था। फीचर फोन के उस दौर में ज्यादातर शौकीन यूज़र फ्लिप फोन खरीदने की चाहत रखते थे।

स्लाइडर
स्लाइडर फोन से आशय है रेग्युलर कीपैड वाले हिस्से के ऊपर एक शटर होना। कॉल या सामान्य इस्तेमाल के वक्त फोन के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर खिसकाना पड़ता है। सोनी एरिक्सन एक्सपीरिया एक्स10 मिनी, एमटीएस स्लाइडर, ब्लैकबेरी 9810, ओनीडा स्लाइडर, नोकिया सी6 जैसे फोन ने 'स्लाइड' की दुनिया में खूब तहलका मचाया। ब्लैकबेरी 9810 के किसी दौर में खूब दीवाने थे। बाद में 'स्लाइडर फोन' के स्लाइडर में खराबी की शिकायतें आने लगीं और लोगों को लगा कि बार-बार स्लाइड करने से ही फोन खराब हो रहे हैं। बेहतर रिपेयरिंग व सर्विस ना मिलने और फैशन पुराना होने के चलते लोगों ने इसे छोड़ना शुरू कर दिया।

अनोखा
यूनीक यानी कुछ हटकर। इस तरह के मोबाइल फोन भी बाज़ार में आए और लोगों को खूब आकर्षित किया। नोकिया 8110, जिसे 'बनाना फोन' के नाम से भी जाना गया। यह फोन तो इतना यादगार रहा कि कंपनी ने हाल में नोकिया 8110 4जी स्मार्टफोन भी लॉन्च किया। इसी तरह कर्व्ड स्क्रीन वाली एलजी जीफ्लेक्स सीरीज़, सैमसंग गैलेक्सी राउंड, ब्लैकबेरी पासपोर्ट जैसे फोन 'कुछ हटकर' होने के चलते लोगों की ज़ुबान पर छा गए। वर्तमान में भी 'कर्व्ड एजेस' के साथ सैमसंग गैलेक्सी एस7 एज, नोकिया 8 सिरोक्को जैसे फोन हैं, जो यूज़र को ध्यान खींचते हैं।

क्वार्टी
क्वार्टी का आशय दरअसल कम्प्यूटर कीबोर्ड के डिज़ाइन वाले कीपैड से है। नोकिया की सिंबियन ओएस वाली सीरीज़ और ख़ासकर ब्लैकबेरी ने QWERTY को अपने मोबाइल फोन में दिया। ब्लैकबेरी कर्व 9320, ब्लैकबेरी क्यू10, नोकिया सी3, नोकिया ई63 की यादें लोगों के ज़ेहन में अब तक ताज़ा होंगी। इस सीरीज़ के ज्यादातर फोन को 'बिजनेस फोन' कहा गया, क्योंकि इनकी मदद से प्रोफेशनल यूज़र को ई-मेल आदि करने में मदद मिलती थी। जिनकी उंगलियां कम्प्यूटर कीबोर्ड पर सेट थीं, उन्हें इनके अक्षरों का सही प्लेसमेंट ध्यान में रहता था। लंबे समय तक QWERTY कीपैड वाले फोन चलन में रहे और वक्त के साथ-साथ इन्हें डिज़ाइन, स्पेसिफिकेशन की कमियों और फैशन के चलते लोगों ने नकार दिया।

टच स्क्रीन
अगर डिस्प्ले ही इंटरफेस बन जाए तो इससे ज़्यादा सहूलियत वाली बात क्या होगी। कुछ ऐसा ही टच स्क्रीन वाले स्मार्टफोन आने के बाद हुआ। अच्छी बात यह थी कि डिस्प्ले पर वर्चुअल कीबोर्ड नज़र आ जाता था। और अब फोन सिर्फ फोन नहीं रह गया था, इंटरनेट डिवाइस हो चुका है। टच स्क्रीन एक ऐसा प्रयोग था जो अब भी चलन में है।

बड़े डिस्प्ले
बड़े डिस्प्ले वाला दौर पहले भी आया था लेकिन लोगों ने इन्हें तब कुछ ही समय के लिए अपनाया। किसी ने 'कंफर्टेबल' ना होने की शिकायत की तो किसी ने इतनी बड़ी स्क्रीन को 'गैर-ज़रूरी' बताया। मौज़ूदा दौर में बड़ी स्क्रीन के दौर ने फिर तेज़ी पकड़ी और बात बेज़ल लेस और कर्व्ड एजेस तक जा पहुंची। अब 18:9 और 19:9 आस्पेक्ट रेशियो वाले फोन भी बाज़ार में मौज़ूद हैं। अब बड़ी स्क्रीन के पीछे तर्क है कि एक साथ कई ऐप का इस्तेमाल, मूवी, वीडियो और रेग्युलर इस्तेमाल में भी यह सहायक होती है। हां, पहले कुछ बड़ी स्क्रीन वाले फोन ज्यादा वज़नी और मोटे भी हुआ करते थे, जिसके चलते लोगों को वाकई इन्हें हैंडल करने में असुविधा होती थी। आज बड़ी स्क्रीन में हमारे पास विकल्प के तौर पर हैं - गूगल पिक्सल 2एक्सएल, गैलेक्सी नोट 8, शाओमी मी मिक्स 2, शाओमी मी मैक्स 2, वनप्लस 5टी, नोकिया 7 प्लस।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Smartphone, Mobile, Display, Screen, Phone

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. बच्‍चों के लिए ऑनलाइन मंगाते हैं खिलौने? यह खबर चौंका देगी
  2. Amazon Great Summer Sale: 8 हजार से भी सस्ते में मिल रहा 5G स्मार्टफोन
  3. WhatsApp में जल्द मिलेगा नया फीचर, हाल ही में ऑनलाइन आए यूजर्स का चलेगा पता
  4. Noise Pop Buds ईयरबड्स भारत में 50 घंटे प्लेटाइम, IPX5 रेटिंग के साथ Rs 999 में लॉन्च
  5. Xiaomi Mijia Fan Light हुआ पेश, कमरे में मिलेगा झील के किनारे का एहसास
  6. Realme P1 5G का नया वेरिएंट हुआ लॉन्च, जानें कीमत और उपलब्धता
  7. Vivo Y38 5G लॉन्च हुआ 6000mAh बैटरी, 44W फास्ट चार्ज, 120Hz डिस्प्ले के साथ, जानें फीचर्स
  8. सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance के फाउंडर को मनी लॉन्ड्रिंग में 4 महीने की जेल
  9. Amazon, Flipkart की सेल्स से पहले Realme 12 Pro+, P1 Pro और Narzo 70 पर डिस्काउंट
  10. Apple की iPhone सेल्स में हो सकती है बड़ी गिरावट, शेयर प्राइस हुआ कमजोर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »