चीन की हुवावे कंपनी पिछले साल भारतीय मार्केट में ज्यादा सुर्खियों में नहीं रही। कंपनी ने अपने पिछले फ्लैगशिप फोन हुवावे पी8 को भारत में नहीं लॉन्च करने का फैसला किया। हालांकि, इस दौरान कंपनी का सब-ब्रांड हॉनर मार्केट में सक्रिय रहा। वहीं, हुवावे ब्रांड के सबसे नामी हैंडसेट गूगल नेक्सस 6पी को भी लॉन्च किया गया। अब कंपनी हुवावे पी9 को लॉन्च करके एक बार फिर सक्रिय हो गई है।
हुवावे पी9 स्मार्टफोन की कीमत 39,999 रुपये है। इस फोन को कैमरा परफॉर्मेंस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें 12 मेगापिक्सल के दो रियर कैमरे हैं। इन्हें जर्मनी की ऑप्टिक्स कंपनी लाइका के साथ मिलकर बनाया गया है। इस कैमरा सेटअप के बूते पी9 फोटोग्राफी डिपार्टमेंट में शानदार परफॉर्मेंस का दावा करता है। इसके अलावा हैंडसेट के बाकी सारे स्पेसिफिकेशन फ्लैगशिप डिवाइस वाले ही हैं। आइए हम जानने की कोशिश करते हैं कि हुवावे पी9 अन्य लोकप्रिय फ्लैगशिप फोन को चुनौती देने में कामयाब होगा या नहीं।
लुक और डिज़ाइनअन्य टॉप एंड स्मार्टफोन की तरह हुवावे पी9 फुल मेटल बॉडी के साथ आता है। यह अन्य फ्लैगशिप हैंडसेट की तुलना में पतला और हल्का है। कॉम्पेक्ट बनावट के कारण इसे हाथों में पकड़ना बेहद ही आसान है। फ्रंट पैनल पर 5.2 इंच का डिस्प्ले है और इसके किनारे थोड़े घुमावदार होने का एहसास देते हैं।
पावर और वॉल्यूम बटन दायीं तरफ हैं। सिम और माइक्रोएसडी कार्ड ट्रे दायीं तरफ। 3.5 एमएम सॉकेट, स्पीकर ग्रिल और यूएसबी टाइप-सी पोर्ट निचले हिस्से में हैं। फोन के पिछले हिस्से में फिंगरप्रिंट सेंसर है और कैमरा स्ट्रिप टॉप पर। यह दिखने में हुवावे द्वारा ही बनाए गए नेक्सस 6एस जैसा है। कुल मिलाकर पी9 दिखने में बेहतरीन स्मार्टफोन है। यह हर तरह से फ्लैगशिप होने का एहसास देता है। फिंगरप्रिंट सेंसर फोन के पिछले हिस्से में मौजूद है। इसके रियर हिस्से में मौजूद रहने का मतलब है कि आपको इसके लिए इंडेक्स फिंगर को इस्तेमाल में लाना होगा। आप इसका इस्तेमाल हैंडसेट को अनलॉक करने के लिए कर पाएंगे। अगर फोन स्टैंडबाय मोड भी में भी है तो यह काम करेगा। यह ऊंगलियों की पहचान करने में सटीक है और तेजी से काम करता है। हालांकि, यह वनप्लस 3 के सेंसर के इतना बेहतरीन है।
रियर हिस्से पर दो कैमरा लेंस मौजूद हैं। इसके साथ डुअल-टोन एलईडी फ्लैश और लेज़र ऑटोफोकस विंडो भी है। स्ट्रिप की दायीं तरफ लाइका की ब्रांडिग है।
हुवावे पी9 में फुल-एचडी आईपीएस एलसीडी स्क्रीन है। इसके ऊपर गोरिल्ला ग्लास की प्रोटेक्शन मौजूद है। स्क्रीन की पिक्सल डेनसिटी 423 पीपीआई है। कंपनी ने हैंडसेट में क्वाड-एचडी रिज़ॉल्यूशन का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन यह बेहद ही शार्प है। आपको डिटेल या क्वालिटी की कमी जैसी चीजों का एहसास नहीं होगा। स्क्रीन काफी ब्राइट है और आईपीएस पैनल के हिसाब से इसका ब्लैक लेवल भी ठीक-ठाक है।
कलर रिप्रोडक्शन भी अच्छा है, लेकिन यह बेहतरीन नहीं है। आप सेटिंग्स के जरिए कलर टेंप्रेचर बदल सकते हैं। यह एक ठीक-ठाक स्क्रीन है। अगर आपके लिए डिस्प्ले क्वालिटी बेहद ही अहम है तो आपको और अच्छे विकल्प मिल सकते हैं।
स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयरसैमसंग की तरह हुवावे अपना चिपसेट बनाती है। इसकी जिम्मेदारी हुवावे की सहायक कंपनी हाईसिलिकॉन के पास है। हुवावे और हॉनर के ज्यादातर फोन में हाईसिलिकॉन किरिन के चिपसेट ही इस्तेमाल किए जाते हैं और हुवावे पी9 में भी कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की गई है। इसमें 2.5 गीगाहर्ट्ज़ क्लॉक स्पीड वाले ऑक्टा-कोर किरिन 955 चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 3000 एमएएच की बैटरी, 3 जीबी रैम और 32 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज है। आप 256 जीबी तक का माइक्रोएसडी कार्ड इस्तेमाल कर पाएंगे।
भारत में इसका सिंगल सिम वेरिएंट उपलब्ध कराया गया है, यह एनएफसी चिप से भी लैस है। वाई-फाई 802.11ए/बी/जी/एन/एसी के लिए सपोर्ट भी मौजूद है। आपको हैंडसेट के साथ बेसिक इन-ईयर हेडसेट, पावर एडप्टर, यूएसबी-एस से यूएसबी-सी कनवर्टर केबल मिलेंगे।
हुवावे पी9 स्मार्टफोन एंड्रॉयड 6.0 मार्शमैलो पर चलेगा। इसमें हुवावे के इमोशन यूआई 4.1 का इस्तेमाल किया गया है। यह एक लेयर वाला यूज़र इंटरफेस है। एंड्रॉयड मार्शमैलो के अहम फ़ीचर नाउ ऑन टैप, डोज़ मोड और ऐप्स पर्मिशन सिस्टम के लिए सपोर्ट मौजूद है। मैगज़ीन लॉक स्क्रीन हमेशा की तरह रोचक है।
बेहतरीन फोन मैनेजर ऐप की वापसी हुई है। आपको सिस्टम ऑप्टिमाइजेशन, डेटा यूज़, बैटरी कंज़म्पशन और फिंगरप्रिंट सेंसर के जरिए ऐप्स सिक्योर करने की इजाज़त मिलेगी। कभी-कभार हुवावे के इमोशन यूआई थोड़ा धीमा और सिंपल नज़र आता है।
कैमराकैमरा हुवावे पी9 की सबसे अहम खासियत है। डुअल रियर कैमरे और लाइका की ब्रांडिंग के बाद इससे उम्मीदें और बढ़ जाती हैं। भले ही कंपनी ने लाइका की ब्रांडिंग की जबरदस्त मार्केटिंग की है, लेकिन आपको बता दें कि सेंसर और लेंस लाइका द्वारा नहीं बनाए गए हैं। जर्मनी की इस कंपनी ने कैमरा सिस्टम के डेवलपमेंट में इनपुट दिए हैं, इसीलिए 'को-इंजीनियर्ड विथ लाइका' का इस्तेमाल किया गया है।
पी9 में 12 मेगापिक्सल के दो सेंसर मौजूद हैं जो एक-दूसरे के अगल-बगल में हैं। इनमें से एक आरजीबी सेंसर है और दूसरा मोनोक्रोम। कलर सेंसर किसी भी सीन में कलर इंफॉर्मेशन जुटा लेता है।
मोनोक्रोम सेंसर ज्यादा लाइट और डिटेल कैपचर करने में सक्षम है। इसका काम मात्र लाइट पर ध्यान लगाना है और कलर से इसका कोई लेना देना नहीं है। सॉफ्टवेयर इन दोनों सेंसर द्वारा जुटाए गए इंफॉर्मेशन को लेता है और आपके लिए सिंगल कलर इमेज तैयार कर देता है। अफसोस की बात यह है कि इनमें से किसी भी लेंस में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन नहीं है।
कैमरे में हाइब्रिड ऑटोफोकस सिस्टम है जो लेज़र और फेज़ डिटेक्शन ऑटोफोकस फ़ीचर को एक साथ काम में लाता है। इन दोनों सेंसर के इस्तेमाल से आपको बेहतर डेप्थ ऑफ फील्ड चुनने का मौका मिलेगा। आप तस्वीरें खींचने के बाद भी उसके अलग-अलग हिस्सों पर फोकस कर सकेंगे। इसके अलावा सेंसर में रॉ फॉर्मेट तस्वीरों, ज्यादा एक्सपोज़र वाले नाइट शॉट और प्रो शूटिंग मोड के लिए सपोर्ट मौजूद है।
कैमरा ऐप और सॉफ्टवेयर पहली नज़र में बेहद ही जटिल होने का एहसास देता है। लेकिन एक बार इससे रूबरू होते इसे इस्तेमाल करना बेहद ही आसान है। यह रिसपॉन्सिव, अच्छे से लेड-आउट और ढेर सारे फ़ीचर व सेटिंग्स से लैस है। इसकी सेटिंग्स की मदद से आपको कैमरे और तस्वीरों पर इनहांस्ड कंट्रोल मिलता है। एक आसान एक्सेसेबल और कई तरह के कंट्रोल वाला प्रो-मोड है।
बायीं से दायीं तरफ स्वाइप करने पर कई मोड्स सामने आ जाते हैं, जिनमें मोनोक्रोम, एचडीआर, ज्यादा एक्सपोज़र वाले नाइट शॉट, टाइम लैप्स, स्लो मोशन, और भी कई मोड शामिल हैं। दायीं से बायीं तरफ स्वाइप करने पर सेटिंग्स सामने आ जाता है। यहां पर जीपीएस टैगिंग, रिज़ॉल्यूशन, टाइमर, और भी कई अन्य फ़ीचर मिलेंगे। मज़ेदार बात यह है कि यूज़र को रियर कैमरे से ली गई तस्वीरों में लाइका वाटरमार्क जोड़ने के लिए टॉगल दिया गया है, लेकिन हमने इसे बंद रखने का फैसला किया।
हमने पाया कि कैमरे से ली गई तस्वीरों में डिटेल की कोई कमी नहीं थी। कैमरा बेहतरीन तस्वीरें लेता है व ये मोनोक्रोम मोड में और ज्यादा अच्छे लगते हैं। हालांकि, जब आप ज़ूम इन करेंगे तो पिक्सल बिखरने लगते हैं। परंतु, सामान्य स्केल में तस्वीरें क्लीन और शार्प नज़र आती हैं जिनमें डिटेल की कोई कमी नहीं होती।
यह भी तय है कि आप हर वक्त मोनोक्रोम मोड का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ऐसे में यह भी जानना जरूरी है कि कैमरा आम कलर शॉट्स में कैसी परफॉर्मेंस देता है। पी9 का कैमरा दोनों सेंसर द्वारा दी गई जानकारियों का इस्तेमाल करके एक तस्वीर यूज़र के लिए पेश करता है, इससे डिटेल की मौजूदगी की पुष्टि हो जाती है। हालांकि, यह मोनोक्रोम तस्वीरों जितना बढ़िया नहीं है, लेकिन यह प्रशंसनीय है। ज़ूम इन करने पर ये तस्वीरें भी पिक्सलेट होती हैं।
आपको तीन अलग-अलग कलर मोड मिलेंगे- स्टेंडर्ड, विविड और स्मूथ। पहले मोड में आपको सबसे ज्यादा नेचुरल तस्वीरें मिलेंगी, बाकी दो मोड में तस्वीरों को ज़्यादा वाइब्रेंट दिखाने के चक्कर में उन्हें थोड़ा ज्यादा सेचुरेट कर दिया जाता है।
कम रोशनी में इस कैमरे से फोटोग्राफी करना और भी मज़ेदार है। इसका श्रेय किसी भी रोशनी में डिटेल कैपचर करने की क्षमता को जाता है। अगर आप कंपोज होकर और फोकस करके तस्वीरें लेंगे तो पी9 किसी भी फोन कैमरे को मात देने की क्षमता रखता है। ऐसा नहीं है कि तस्वीरों में ग्रेन नहीं है, लेकिन यह अन्य स्मार्टफोन के कैमरे की तुलना में ज्यादा डिटेल और सटीक कलर में तस्वीरें लेता है।
दो कैमरे के इस्तेमाल से शानदार डेप्थ ऑफ फील्ड परसेप्शन मिलता है। इस मोड को स्विच ऑन रखकर शानदार शैलो तस्वीरें ले पाएंगे। रीफोकस्ड तस्वीरें भी अच्छी लगती हैं। नाइट शॉट मोड का जिक्र जरूरी है। इसमें आप आईएसओ मॉडिफाई कर पाएंगे और ज्यादा लाइट कैपचर करने के लिए एक्सपोज़र टाइम को 32 सेकेंड तक किया जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि ये सारे मोड अच्छा काम करते हैं और आपको बेहतरीन आउटपुट मिलता है। लेकिन थोड़े बहुत ग्रेन से पता चलता है कि हुवावे पी9 स्मार्टफोन अब तक का सबसे बेहतरीन कैमरा फोन नहीं है।
वीडियो क्वालिटी अच्छी है, लेकिन 4के क्वालिटी के वीडियो नहीं शूट कर पाना खटकता है। कुल मिलाकर, हम आश्वस्त होकर कह सकते हैं कि हुवावे पी9 हमारे द्वारा इस्तेमाल किए गए बेहतरीन कैमरा फोन में से एक है।
परफॉर्मेंसहुवावे के किरिन रेंज के चिपसेट क्वालकॉम और मीडियाटेक के प्रोसेसर की तरह लोकप्रिय तो नहीं है। किरिन 900 सीरीज फ्लैगशिप लाइन रहा है। इस साल किरिन 955 को हुवावे पी9 का हिस्सा बनाया गया है। 3 जीबी रैम की मदद से फोन बेहद ही स्मूथली चलता है। लेकिन इस साल में हम कई ऐसे फ्लैगशिप डिवाइस से रूबरू हुए हैं जो इस हैंडसेट की तुलना में ज्यादा तेजी से चलता है।
वैसे, इसका असर आम परफॉर्मेंस में कभी नहीं नज़र आएगा। हमें फोन इस्तेमाल करते वक्त कोई शिकायत नहीं हुई। हैवी ग्राफिक्स वाले गेम अच्छा चले, ज्यादातर ऐप तेजी से लोड हुए। हमें फोन इस्तेमाल करते वक्त कभी भी इसके धीमे होने का एहसास नहीं हुआ। ख़ासकर कैमरा परफॉर्मेंस ज्यादा तेज और स्नैपी है। इसकी मदद से आप तेजी से फोटो ले पाते हैं और आपका ज्यादा समय भी बर्बाद नहीं होता। बेंचमार्क स्कोर अच्छे आए।
फोन के सिंगल स्पीकर से संतोषजनक आवाज आई। हेडफोन की ऑडियो परफॉर्मेंस अच्छी थी। 4जी और वाई-फाई कनेक्टिविटी से भी कोई शिकायत नहीं है। कॉल क्वालिटी से भी हमें कोई शिकायत नहीं है। वीडियो लूप टेस्ट में फोन की बैटरी 10 घंटे 24 मिनट तक चली। इसे संतोषजनक कहा जाएगा, बेहतरीन तो बिल्कुल ही नहीं। आम इस्तेमाल में फोन की बैटरी पूरे दिन तक चल जाएगी, इससे ज्यादा नहीं।
हमारा फैसलाहुवावे पी9 एक अच्छा फोन है जो दिखने में बेहतरीन है और कैमरे की परफॉर्मेंस शानदार है। लेकिन यह मार्केट में मौजूद अन्य फ्लैगशिप फोन की तरह हरफनमौला नहीं है। डिस्प्ले और सॉफ्टवेयर की बहुत ज्यादा तारीफ नहीं की जा सकती, हमारे हिसाब से 39,999 रुपये की कीमत ज्यादा है। कैमरे शानदार हैं, लेकिन ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन और 4के वीडियो जैसे अहम फ़ीचर नहीं मौजूद हैं।
अगर आप बेहतरीन कैमरे की तलाश में हैं तो हुवावे पी9 के बारे में विचार करना गलत नहीं होगा। दो सेंसर के मज़ेदार एप्लिकेशन और लाइका की ब्रांडिंग के कारण यह फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित होता है। अगर आपको ऐसा फोन चाहिए जो हरफनमौला है और उसकी कीमत भी कम हो, तो हमारा सुझाव होगा कि वनप्लस 3 खरीदने के बारे में सोचें।